SBI में ₹50,000, HDFC में ₹25,000: नई बैलेंस शर्त से आम जनता परेशान

नई दिल्‍ली: दिग्‍गज प्राइवेट बैंकों का रुख समझ से परे है। जिस तरह से अचानक इन्‍होंने बचत खातों के लिए मिनिमन बैलेंस की जरूरत को बढ़ाया है, उससे आम लोग सोच में पड़ गए हैं। यह इतना ज्‍यादा है कि शायद ही कोई साधारण आदमी इनमें खाता चला पाए। एचडीएफसी बैंक ने बचत खातों के लिए मिनिमम बैलेंस की जरूरत में भारी इजाफा किया है। यह बदलाव 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा। नए नियम के अनुसार, मेट्रो और शहरी शाखाओं में खाता खोलने वाले ग्राहकों को अब 25,000 का न्यूनतम औसत बैलेंस (एमएबी) रखना होगा। पहले यह रकम 10,000 रुपये थी। यह फैसला कुछ अन्य प्राइवेट बैंकों के फैसलों की तर्ज पर है।

नए नियम सिर्फ नए खाताधारकों पर लागू होंगे। पुराने ग्राहकों के लिए नियम पहले जैसे ही रहेंगे, जब तक कि उन्हें कोई नई सूचना न दी जाए। अगर खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं रहा तो जुर्माना लगेगा।एचडीएफसी बैंक के नए नियमों के अनुसार, खातों में लगातार 25,000 रुपये का बैलेंस बनाए ही रखना होगा। अगर मासिक औसत बैलेंस इस सीमा से कम रहता तो बैंक पेनाल्‍टी लगाएगा। शहरी और मेट्रो शाखाओं के लिए जुर्माना कमी की राशि का 6% या 600 रुपये होगा, जो भी कम हो।

कैसी थीं पहले एचडीएफसी बैंक के एमएबी की जरूरतें?

शहरी शाखाएं₹10,000
अर्ध-शहरी शाखाएँ₹5,000 (औसत मासिक)
ग्रामीण शाखाएं₹2,500 (औसत त्रैमासिक)

ये सीमाएं अभी के लिए अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में अपरिवर्तित हैं। नया बदलाव विशेष रूप से मेट्रो और शहरी स्थानों में नए खातों पर लागू होता है।

एचडीएफसी बैंक ‘क्लासिक’ ग्राहकों के लिए अलग बैलेंस आवश्यकताएं प्रदान करता है। इसके लिए ग्राहकों को नीचे दी गईं कम से कम एक शर्त को पूरा करना होगा:

औसत मासिक बचत खाता बैलेंस₹1 लाख
औसत त्रैमासिक चालू खाता बैलेंस₹2 लाख
वेतनभोगी ग्राहकों के लिएएचडीएफसी बैंक के कॉर्पोरेट सैलरी अकाउंट में ₹1 लाख या उससे ज्‍यादा का मासिक शुद्ध वेतन क्रेडिट

सरकारी बैंकों का उलटा रुख

बैंकिंग सेक्टर में एमएबी नीतियों को लेकर अलग-अलग राय है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों जैसे एबीआई, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने नियमित बचत खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस की जरूरत को खत्म कर दिया है। इसका मतलब है कि अब इन बैंकों में बैलेंस कम होने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा। दूसरी ओर प्राइवेट बैंक अभी भी इन नियमों को लागू करते हैं।

ICICI बैंक ने तो हिला दिया

आईसीआईसीआई बैंक ने भी एमएबी में भारी-भरकम बढ़ोतरी की है। बैंक ने मेट्रो और शहरी शाखाओं में नए बचत खातों के लिए एमएबी को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है। यह बदलाव भी 1 अगस्त, 2025 से लागू होगा। पहले यह रकम 10,000 रुपये थी। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में आईसीआईसीआई बैंक के ग्राहकों के लिए नया एमएबी 25,000 रुपये है। जबकि ग्रामीण ग्राहकों को कम से कम 10,000 रुपये बनाए रखने होंगे। एचडीएफसी बैंक की तरह आईसीआईसीआई बैंक भी जरूरी बैलेंस बनाए नहीं रखने पर कमी की राशि का 6% या 500 रुपये, जो भी कम हो, का जुर्माना लगाता है। आईसीआईसीआई का नया नियम केवल 1 अगस्त के बाद खोले गए खातों पर लागू होगा। पुराने ग्राहकों के लिए नियम पहले जैसे ही रहेंगे।

कोटक महिंद्रा बैंक के क्लासिक सेविंग्स अकाउंट के लिए 10,000 रुपये का औसत मासिक बैलेंस जरूरी है। अगर बैलेंस कम रहता है तो 6% का जुर्माना लगेगा, जो अधिकतम 500 रुपये प्रति माह हो सकता है। यस बैंक के PRO प्लस और एसेन्स सेविंग्स अकाउंट में 25,000 रुपये का औसत मासिक बैलेंस (एएमबी) जरूरी है, जबकि PRO मैक्स सेविंग्स अकाउंट में 50,000 रुपये की जरूरत है। एएमबी का कैलकुलेशन हर दिन के क्लोजिंग बैलेंस के औसत से की जाती है। बैलेंस कम होने पर जुर्माना लग सकता है जो अकाउंट के प्रकार और सेवाओं पर निर्भर करता है।

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