परम्परा के अनुरूप ईको टूरिज्म ग्राम जबर्रा को विकसित करने पर दिया जोर

विधायक एवं कलेक्टर ने विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने नए सिरे से कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देश

 सिहावा विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव तथा कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य ने नगरी विकासखण्ड के ईको टूरिज्म ग्राम जबर्रा का प्रवास किया तथा वहां पर पर्यटन के दृष्टिकोण से व्यापक संभावनाएं तलाशते हुए विदेशी पर्यटकों को अधिकाधिक संख्या में आकर्षित करने तथा स्थानीय छत्तीसगढ़ी परम्परा एवं पुट को शामिल करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने पर्यटन से जुड़े स्थानीय समूह के सदस्यों से इस संबंध में व्यापक चर्चा की तथा जबर्रा को नए सिरे से विकसित करने की बात कही।

कलेक्टर ने समिति के सदस्यों से विस्तृत चर्चा कर अब तक पर्यटन विकास के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने विशेष तौर पर जोर देते हुए कहा कि ग्राम जबर्रा को कुछ इस तरह से विकसित किया जाए कि स्थानीय विरासतों व धरोहरों को पुनर्जीवन मिल सके। बाहर से आने वाले सैलानियों को प्राकृतिक वन सम्पदा और शांत पर्यावरण बेहद पसंद होते हैं, इस बात को ध्यान में रखते हुए जबर्रा की स्थानीय पारम्परिक चीजों व धरोहरों को माॅडल के तौर पर तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि ग्राम के सभी घरों की बाहरी दीवारों पर एक ही रंग से पुताई किया जाए तथा कच्चे घरों को पूर्वानुसार कवेलूपोश ही रखे जाने पर जोर दिया। इन दीवारों पर आदिवासी संस्कृति पर आधारित नृत्य मुद्रा, भावमुद्रा आदि उकेरने के लिए भी ग्रामीणों से कहा। सीमेंटर्, इंट की जगह मिट्टी से बने मकानों को ही बेहतर ढंग से विकसित करने की बात कही। उन्होंने सैलानियों के स्वागत से लेकर उनके घूमने, ठहरने, भोजन, आवास सहित विभिन्न गतिविधियों के बारे में समूह के लोगों से चर्चा की। कलेक्टर ने समूह के सदस्यों को अंग्रेजी का प्रशिक्षण देकर उन्हें ही दुभाषिया (ट्रांसलेटर) बनाने, ग्राम के निर्माणाधीन नवीन संरचनाओं में कवेलू (खपरैल की छत) युक्त, पारम्परिक परिधान, खान-पान, और घासफूस युक्त झोपड़ीनुमा हट तैयार करने के निर्देश जिला पंचायत की सी.ई.ओ. श्रीमती नम्रता गांधी को दिए। इसके अलावा सायकल, बाइक राइडिंग, फिशिंग प्वाइंट व योगा जोन, हाइकिंग व माउण्टेन क्लाइंबिंग, स्विमिंग वाले स्थानों को स्थानीयता के अनुसार विकसित करने के लिए ग्रामीणों को कहा। उन्होंने बताया कि दुगली क्षेत्र अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है जो पर्यटकों के लिए बेहद आकर्षक क्षेत्र साबित हो सकता है। इसलिए यहां पर इस ढंग से विकसित किया जाए, जिससे वे बार-बार आने को विवश हो जाएं। इससे समूहों व उनसे जुड़े ग्रामीणों को काफी आय होगी। यहां तक कि समिति की आय में चैगुनी वृद्धि भी हो सकती है, बशर्ते स्वच्छता का ध्यान रखते हुए अनुकूल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए जाएं। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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