किसानों को 1 लाख करोड़ का लोन, आय व रोजगार दोनों में होगी वृद्धि

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (Agriculture Infrastructure Fund) के तहत एक लाख करोड़ रुपये की वित्तपोषण सुविधा लॉन्च किया है। कृषि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए रियायती ऋण का विस्तार करने के उद्देश्य से सरकार ने जुलाई में एक लाख करोड़ के फंड के साथ एग्री-इंफ्रा फंड की स्थापना की अनुमति दी थी। इस फंड से कटाई के बाद फसल के बेहतर प्रबंधन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और कोल्ड स्टोरेज, कलेक्शन सेंटर, प्रोसेसिंग यूनिट जैसी सामुदायिक कृषि संपत्ति के निर्माण में मदद मिलेगी।

इन सुविधाओं के शुरू होने से किसानों को उनकी फसल की बेहतर कीमत मिल सकेगी। कोल्ड स्टोरेज, कलेक्शन सेंटर और प्रोसेसिंग यूनिट आदि बनने से किसान अपनी फसल को स्टोर कर सकेंगे और उसे अच्छी कीमत मिलने पर बेच सकेंगे।  इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।

पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘इससे गांवों-गांवों में बेहतर भंडारण, आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की चेन तैयार करने में मदद मिलेगी और गांव में रोजगार के अनेक अवसर तैयार होंगे। आज जो एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड लॉन्च किया गया है, इससे किसान अपने स्तर पर भी गांवों में भंडारण की आधुनिक सुविधाएं बना पाएंगे। इस योजना से गांव में किसानों के समूहों को,किसान उत्पादक संगठनो को वेयरहाउस बनाने के लिए, कोल्ड स्टोरेज बनाने के लिए और फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग लगाने के लिए 1 लाख करोड़ रुपए की मदद मिलेगी। इस आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से कृषि आधारित उद्योग लगाने में बहुत मदद मिलेगी।’

सरकार ने लोन उपलब्ध करवाने वाली विभिन्न संस्थाओं के साथ एग्रीमेंट करके ये एक लाख करोड़ रुपये की फाइनेंस स्कीम शुरू की है। इसके लिए सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों ने पहले ही कृषि सहयोग और किसान कल्याण विभाग के साथ एमओयू साइन कर लिया है। इस योजना का फायदा अधिक से अधिक किसानों को मिले और उनकी आय बढ़े इसके लिए सरकार ने इस योजना के लाभार्थियों को 3 फीसद ब्याज सब्सिडी और 2 करोड़ रुपये तक की ऋण गारंटी देने की घोषणा की है।

यहां बता दें कि एग्री-इंफ्रा फंड कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का एक हिस्सा था। एग्री-इंफ्रा फंड की अवधि साल 2029 तक 10 वर्षों के लिए है। इसका लक्ष्य ब्याज सबवेंशन (Subvention) और वित्तीय सहायता के जरिए कटाई के बाद फसल के बेहतर प्रबंधन के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और सामुदायिक कृषि संपत्ति की निर्माण परियोजनाओं में निवेश के लिए मध्यम-से-लंबी अवधि के ऋण वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करना है। इस योजना का लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ाना और अधिक रोजगार पैदा करना भी है।

इस फंड में एक लाख करोड़ रुपये बैंकों और वित्तीय संस्थाओं द्वारा फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन एग्री-उद्यमियों, स्टार्टअप्स, प्राइमरी एग्री क्रेडिट सोसाइटीज, फार्मर ग्रुप्स, और एग्री-टेक से जुड़े लोगों को लोन के रूप में उपलब्ध करवाए जाएंगे। ये लोन चार वर्षों में वितरित किये जाएंगे। मौजूदा वित्त वर्ष में10,000 करोड़ और अगले तीन वित्त वर्षों के दौरान प्रत्येक में 30,000 करोड़ रुपये के लोन्स का वितरण होगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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