देश को आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए एमएसएमई का विकास क्यों आवश्यक है?
नई दिल्ली/कारोबारसंदेश : सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह सतत विकास, रोजगार सृजन, बढ़ते व्यवसाय, उद्यमिता विकास के मामले में देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और निर्यात में इसके योगदान के कारण हर अर्थशास्त्री इस क्षेत्र के विकास को आवश्यक मानता है। आंकड़ों के अनुसार, MSMEs भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 30 प्रतिशत का योगदान करते हैं, जिसमें लगभग 11 करोड़ लोग कार्यरत हैं, जो कुल निर्यात का लगभग 40 प्रतिशत है।
भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है जिसमें लगभग हर क्षेत्र में विकास की संभावना है। इसलिए दुनिया भर के निवेशक भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लेकिन भारत के तेजी से विकास के लिए सरकार को हर तरफ से काम करने की जरूरत है। देश में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर भी काम किया जाए। लेकिन अगर भारत को दुनिया की उभरती महाशक्ति बनना है तो एक सिस्टम के साथ एमएसएमई के विकास को बढ़ावा देना जरूरी है।