नहरों में अवरोध और शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने पर होगी कार्यवाही, सिंचाई विभाग ने जारी की चेतावनी

गरियाबंद: खरीफ सीजन 2025 के लिए सिंचाई विभाग गरियाबंद द्वारा 1 अगस्त से नहरों के माध्यम से राजिम, फिंगेश्वर और पाण्डुका क्षेत्र में पानी छोड़ा जा रहा है। अंतिम छोर तक सुचारु रूप से पानी पहुंच सके, इसके लिए विभाग ने किसानों और ग्रामवासियों से विशेष अपील की है।
सिंचाई विभाग ने स्पष्ट किया है कि विभाग की अनुमति के बिना नहरों में हेडअप कर अवरोध उत्पन्न करना, नहर काटना या जल द्वारों को अपनी मर्जी से बंद एवं खोलना पूर्णतः प्रतिबंधित है। कई बार देखा गया है कि मत्स्य आखेट के लिए नहरों को रोका या तोड़ा जाता है, जिससे जल प्रवाह बाधित होता है और शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचता है।
कानूनी कार्रवाई का प्रावधान
किसी भी ग्राम पंचायत अथवा कृषक द्वारा नहरों में अवरोध उत्पन्न करने, शासकीय संपत्ति को क्षति पहुंचाने या जल प्रवाह रोकने पर उनके विरुद्ध सिंचाई अधिनियम 1931 की धारा 94 के तहत कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने किसानों से कहा है कि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत विभागीय मैदानी कर्मचारियों को सूचित करें।
सप्ताहनुसार पानी का वितरण
कार्यपालन अभियंता, जल संसाधन संभाग गरियाबंद ने बताया कि क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त पानी उपलब्ध है। जल प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है कि 3 सितंबर 2025 से फिंगेश्वर वितरक शाखा के अलग-अलग आर.डी. सेक्शनों (आरडी 37650 मी. से 48300 मी., आरडी 12150 मी. से 37650 मी. एवं आरडी 1440 मी. से 12150 मी.) में सप्ताहनुसार जल प्रदाय किया जाएगा।
किसानों और ग्रामीणों से अपील
विभाग ने सभी क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे निर्धारित कुलाबों से ही पानी लें और नहरों को सुरक्षित रखें। किसी भी प्रकार की सिंचाई से जुड़ी समस्या के लिए क्षेत्रीय कर्मचारियों से लगातार संपर्क बनाए रखें, ताकि पानी का समुचित उपयोग हो सके और फसल उत्पादन प्रभावित न हो।



