आदि कर्मयोगी अभियान’ की शुरुआत : जनजातीय नेतृत्व की दिशा में ऐतिहासिक पहल

गरियाबंद : जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने गरियाबंद जिले में ‘आदि कर्मयोगी अभियान’ की शुरुआत की है। यह अभियान आदिवासी समुदायों के समग्र विकास और उन्हें सरकारी योजनाओं से अधिकतम लाभ दिलाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल मानी जा रही है। यह प्रधानमंत्री द्वारा 2 अक्टूबर 2024 को शुरू किए गए ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का अगला चरण है।

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला स्तरीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम एवं पत्रकार वार्ता में कलेक्टर बीएस.उइकेने बताया कि यह अभियान विश्व का सबसे बड़ा जनजातीय नेतृत्व आंदोलन बनने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य अंतर्विभागीय समन्वय और सामुदायिक सहभागिता के साथ आदिवासी अंचलों में शासन की योजनाओं की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित करना है।
इस अवसर पर वन मंडलाधिकारी लक्ष्मण सिंह, जिला पंचायत सीईओ प्रखर चंद्राकर, अपर कलेक्टर प्रकाश राजपूत, जनसंपर्क अधिकारी हेमनाथ सिदार, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ और मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
64 हजार से अधिक परिवार होंगे लाभान्वित
आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त नवीन भगत ने बताया कि जिले के 5 विकासखंडों के 334 आदिवासी बाहुल्य ग्रामों के 64,877 आदिवासी परिवारों को 17 मंत्रालयों की 25 योजनाओं (आवास, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार आदि) से लाभान्वित किया जाएगा।
इसके लिए जिला स्तर पर 7 मास्टर ट्रेनर, ब्लॉक स्तर पर 35 ट्रेनर और प्रत्येक ग्राम से न्यूनतम 20 आदि साथी-सहयोगी तैयार किए जाएंगे। ये साथी ग्रामों में क्रिटिकल गैप की पहचान, योजनाओं की जानकारी और ग्राम विकास योजना निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
ग्रामों में बनेगा आदि सेवा केंद्र
अभियान के तहत प्रत्येक चिन्हांकित ग्राम में आदि सेवा केंद्र की स्थापना होगी। यहां सभी विभागों की योजनाओं की जानकारी एकल खिड़की प्रणाली से उपलब्ध कराई जाएगी।
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पर्व
‘आदि कर्मयोगी अभियान’ के तहत सेवा पर्व एवं आदि कर्मयोगी सेवा अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक आयोजित होगा। इसका उद्देश्य सुशासन की भावना के साथ जमीनी स्तर के कर्मचारियों को सशक्त करना और ग्राम स्तर पर शासकीय सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।



