प्रशासन मौन, रेत के अवैध खनन से पैरी हो रही छलनी
गरियाबंद/खेलन महिलांगे : जिले में रेत का अवैध कारोबार जारी है. वहीं पैरी नदी से प्रतिदिन 100 से 300 हाईवा रेत निकाला जा रहा है। प्रशासन के नियमों को ताक पर रखकर अवैध खनन का खेल जारी है। जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
वहीं इस अवैध कारोबार को राजनैतिक संरक्षण मिलने की भी बात सामने आ रही है। शिकायतों के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मीडिया ऑफिस गरियाबंद की टीम लगातार अवैध उत्खनन को लेकर के एसडीएम,तहसीलदार छुरा, खनिज अधिकारी गरियाबंद ,कलेक्टर गरियाबंद,सांसद महासमुंद, विधायक राजिम को सूचना देकर अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई करवाने की बात कही थी। लेकिन अवैध रेत उत्खनन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
जिले की जीवन दायनी कही जानी वाली पैरी नदी एवं महानदी का सीना रेत माफिया छलनी करने में लगे है। पैरी के साथ-साथ जिले से होकर गुजरने वाली महानदी और उसकी सहायक सूखा नदी में रोजाना रेत का अवैध तरीके से खनन का खेल लगातार जारी है।
छुरा विकासखंड के अंतरगर्त ग्राम कुटेना में अवैध रेत खदान के कारण वहां जनजीवन पर भी इसका असर दिखने लगा है।
इस अवैध कारोबार में जिले के अलावा आस-पास के जिले के दबंगों, नेताओं का खेल चल रहा है, जो दिन और रात रेत का अवैध कारोबार चला रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि अगर रेत खनन का विरोध भी किया जाता है तो उन्हें दबंग और नेताओं द्वारा न केवल धौंस देकर डराया जाता है, नेतागिरी का पावर दिखाया जाता है।
निर्माण कार्यों में तेजी आने से रेत की मांग बढ़ गई है, जिससे रेत माफिया अवैध रूप से नदियों और नालों से रेत उत्खनन कर सरकार को लाखों-करोड़ों का चूना लगा रहे हैं। सरकार द्वारा खनिज विभाग में अवैध खनन को रोकने के लिए अधिकारियों को भी तैनात किया गया है।
विडंबना यह है कि न तो खनिज विभाग और न ही प्रशासन रेत माफिया को रोक पा रहा है और न ही रेत खनन को रोकने के लिए कोई ठोस कदम उठा रहा है। जिसके चलते गरियाबंद जिले में रेत का अवैध कारोबार अपनी चरम पर है।