भारतीय ट्रैक्टर उद्योग में अमेरिकी MNC ने खत्म किया विवाद, भारतीय कंपनी से हुआ समझौता

नई दिल्ली/सूत्र: भारत के ट्रैक्टर बाजार में पिछले कुछ वर्षों से मचा घमासान आखिरकार खत्म हो गया। ट्रैक्टर और कृषि उपकरण क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी TAFE और अमेरिका की एग्री-मशीनरी कंपनी AGCO के बीच वर्षों पुराना वाणिज्यिक और ब्रांड से जुड़ा विवाद सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया है। इन दोनों के बीच ऐतिहासिक समझौता होने की खबर है। बताया जाता है कि इसमें टीवीएस मोटर कंपनी (TVS Motor Company) के चेयरमैन सुदर्शन वेणु की निर्णायक भूमिका रही है।
सभी मसलों का समाधान हो गया
अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी AGCO कॉर्पोरेशन के चेयरमैन, प्रेसिडेंट और सीईओ एरिक पी. हैंसोटिया ने कंपनी की Q2 2025 अर्निंग कॉल के दौरान यह जानकारी साझा करते हुए कहा, “TAFE के साथ हमारे सभी लंबित व्यावसायिक, गवर्नेंस और शेयरधारिता से जुड़े मुद्दों का समाधान हो गया है। यह संभव हुआ सुदर्शन वेणु के साथ हमारे निकट सहयोग से, जो TAFE के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर के पुत्र भी हैं।”
समझौते के तहत क्या हुआ?
इस समझौते के तहत, TAFE ने AGCO की अपनी इक्विटी में 20.7% हिस्सेदारी को $260 मिलियन में वापस खरीद लिया है। इसके साथ ही, TAFE अब ‘Amalgamations Group’ की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई बन गई है, जो चेन्नई आधारित एक प्रमुख औद्योगिक समूह है।
मैसी फर्ग्यूसन ब्रांड पर किसका अधिकार
TAFE द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि इस समझौते के तहत भारत, नेपाल और भूटान में ‘Massey Ferguson’ ब्रांड का पूर्ण और विशिष्ट स्वामित्व अब TAFE के पास होगा। इसमें सभी ट्रेडमार्क्स, अधिकार, टाइटल और ब्रांड से जुड़ी प्रतिष्ठा (goodwill) शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि TAFE और AGCO के बीच विवाद सितंबर 2024 में उस समय गहराया जब AGCO ने TAFE के साथ सभी मौजूदा समझौते, जिसमें Massey Ferguson ब्रांड लाइसेंस भी शामिल था, समाप्त करने की घोषणा की थी। इसके प्रतिउत्तर में TAFE ने अदालत में अवमानना याचिका दायर की, जिसमें AGCO पर पूर्ववर्ती अदालत आदेशों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। लेकिन अब जबकि समझौता हो गया है तो भारतीय ट्रैक्टर बाजार में गंभीर फेरबदल हो सकता है।
भारतीय ट्रैक्टर बाजार का अगुवा कौन?
इस साल अप्रैल के आंकड़ों को देखें तो भारतीय ट्रैक्टर बाजार का निर्विवाद मुखिया महिंद्रा एंड महिंद्रा है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 46.33 फीसदी थी। इसके बाद TAFE Group का ही स्थान है। उस महीने इसकी बाजार हिस्सेदारी 17.40 फीसदी थी। ट्रैक्टर बाजार में तीसरे स्थान पर सोनालिका का स्थान था।



