पशुपालन और डेयरी उद्योग से आत्मनिर्भर भारत की राह होगी मजबूत

रायपुर:  पशुधन विकास मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि पशुपालन और डेयरी उद्योग के माध्यम से हम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन आज भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है और यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ के रूप में कार्य कर रहा है।

श्री नेताम राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित दो दिवसीय उत्तरी जोनल स्तरीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह कॉन्फ्रेंस भारत सरकार के इंटीग्रेटेड सिम्पल सर्वे के तहत ई-लिस मोबाइल ऐप एवं डाटाबेस पर आधारित पशुधन गणना के लिए आयोजित की गई है।

कार्यक्रम में भारत सरकार के पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बिहार, ओड़िशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

मंत्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2047 तक के लिए पशुधन उत्पादन का अनुमान तैयार किया है। वर्तमान में राज्य में दूध उत्पादन 2124 हजार टन है, जिसकी वार्षिक वृद्धि दर 8.58 प्रतिशत है। वर्ष 2047 तक दूध उत्पादन 12,209 हजार टन तक पहुंचने का लक्ष्य है। इसी तरह वर्ष 2023-24 में अंडा उत्पादन 23,876 लाख था, जो वर्ष 2047 में 1,12,351 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। मांस उत्पादन में भी बढ़ोतरी से पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा कि पशुधन से संबंधित आंकड़े नीति निर्माण, अनुसंधान और वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने में अहम भूमिका निभाते हैं। एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (इंटीग्रेटेड सिम्पल सर्वे) इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

नई दिल्ली से आए सांख्यिकीय सलाहकार एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री जगत हजारिका ने कहा कि भारत सरकार द्वारा ई-लिस ऐप के माध्यम से पशुधन गणना की प्रक्रिया को सटीकता और पारदर्शिता प्रदान की जा रही है। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्राची साहू ने ई-लिस के सभी तकनीकी पहलुओं की विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ पशुधन विकास विभाग के संचालक चंद्रकांत वर्मा ने प्रशिक्षण कॉन्फ्रेंस के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर संस्थान के अधिकारी महेश सोनकुसरे, अपर संचालक के.के. ध्रुव सहित विभिन्न जिलों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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