छत्तीसगढ़ में ग्रामोद्योग सामग्री पर 10 प्रतिशत की छूट और 09 विक्रय केन्द्र खोलने की घोषणा

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय का किया भूमिपूजन

MG Horticulture and Forestry University

रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 02 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से दुर्ग जिले के सांकरा-पाटन में 55 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाले महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने के साथ ही पाटन-सांकरा, दुर्ग और भिलाई में 253 करोड़ 61 लाख रुपए की लागत वाले 39 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना सेे राज्य में उद्यानिकी और वानिकी की शिक्षा, अनुसंधान एवं इससे जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। रोजगार एवं स्वालंबन के नए द्वार खुलेंगे। 

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का पाटन क्षेत्र स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गढ़ रहा है। यहां गांव-गांव में बापू की प्रतिमा स्थापित है। सांकरा-पाटन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना कर महात्मा गांधी और अपने पुरखों को हम नमन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भिलाई में ऑक्सीजोन और लाइब्रेरी की स्थापना के लिए ढ़ाई करोड़ रूपए की स्वीकृति दी। उन्होंने दुर्ग के स्टेडियम और कलेक्टोरेट भवन एवं परिसर का उन्नयन कराए जाने की घोषणा की।

महात्मा गांधी की 151वीं वर्षगाठ के अवसर राज्य में ग्रामोद्योग उत्पादित सामग्रियों पर 10 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की है। राज्य की जनता को ग्रामोद्योग सामग्रियों की खरीदी पर 10 प्रतिशत की विशेष छूट दी जाएगी। ग्रामोद्योग के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के वस्त्र, मास्क, सेनेटाईजर, गोबर से बने गमला, दिये सहित विभिन्न प्रकार की वस्तुएं और कलाकृतियां, बेलमेटल, बांसशिल्प, माटीकला बोर्ड से निर्मित विभिन्न कलाकृतियां, विभिन्न प्रकार के काष्टशिल्प आदि का विक्रय किया जाता है। आम जनता कोरोना महामारी के समय कोरोना से सुरक्षा के लिए उपयोगी सामग्री ग्रामोद्योग सामग्री विक्रय केन्द्र से कम कीमत पर खरीद सकते हैं। मुख्यमंत्री ने भारतीय राष्ट्रीय कृषक उपज उपार्जन प्रसंस्करण एवं फुटकर सहकारी संघ मर्यादित (नेकॉफ) के सहयोग से खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के 09 विकय केन्द्र राज्य के रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, अम्बिकापुर, जगदलपुर, बैकुण्ठपुर (कोरिया), कोरबा, राजनांदगांव, सक्ती (जांजगीर-चांपा) और दंतेवाड़ा में प्रारंभ करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने आज पाटन तहसील के ग्राम सेलूद में सोलर चरखा प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ किया। इस केन्द्र के माध्यम से अंचल के युवाओं को धागा एवं वस्त्र बुनाई का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस केन्द्र की स्थापना से ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने हमें आजादी दिलाने के साथ-साथ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। चाहे ग्राम स्वराज, आत्मनिर्भरता या स्वावलंबन की बात हो, चाहे अछूतोद्धार, नारी उत्थान या बुनयादी शिक्षा, स्वच्छता और स्वास्थ्य की बात हो। उन्होंने सभी क्षेत्रों में काम किया। उनका जीवन ही उनका संदेश है। श्री बघेल ने कहा कि बापू ने मानवता का जो संदेश दिया, वो पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री को याद करते हुए कहा कि उन्होंने चुनौतिपूर्ण समय में देश को कुशल नेतृत्व प्रदान किया। उन्होंने जय जवान-जय किसान का नारा दिया। छत्तीसगढ़ सरकार इन्हीं महान विभूतियों के आदर्शों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के माध्यम से पशुधन संरक्षण एवं ग्रामीण स्वावलंबन, किसानों की ऋण माफी के साथ राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने तथा गोधन न्याय योजना के माध्यम से स्वच्छता और लोगों की आय बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार महिला स्व-सहायता समूहों को जमीन उपलब्ध कराकर उन्हें सब्जी, फल उत्पादन एवं अन्य आय मूलक गतिविधियों से जोड़ रही है। ये सभी कार्य छत्तीसगढ़ के विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। उन्होंने कहा कि जशपुर से बस्तर तक बाड़ी विकास योजना सफल रही है। स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने और कुपोषण के खिलाफ मजबूती से कदम उठाए गए हैं। सुपोषण अभियान के चलते एक वर्ष में साढ़े 13 प्रतिशत बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं। पांच लाख कुपोषित बच्चों में से 68 हजार बच्चे कुपोषण से बाहर आए हैं। स्वच्छता के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जहां जीएसटी में 24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है, वहीं छत्तीसगढ़ में सितम्बर माह में जीएसटी में 24 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है। 

श्री बघेल ने आगे कहा कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ में गांधी जी के स्वावलंबन का मार्ग अपनाते हुए लघु वनोपज संग्रहण, किसानों को अतिरिक्त राशि देकर, गोधन न्याय योजना में लोगों को राशि देकर उन्हें आय का जरिया उपलब्ध कराया, जिसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में जीएसटी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि जंगलों में इस वर्ष फलदार वृक्ष लगाने की शुरूआत की गई है। इससे वन क्षेत्रों के लोगों की आय में बढ़ोतरी होगी। छत्तीसगढ़ में लगभग 44 प्रतिशत भूभाग में वन है। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के अधीन राज्य में वानिकी महाविद्यालय भी खोले जाएंगे। इससे हमारे जंगल बचेंगे और लोगों की आय भी बढ़ेगी।  

मुख्यमंत्री ने पाटन ब्लॉक मुख्यालय में 5 करोड़ 22 लाख रुपए की लागत निर्मित 44 शासकीय आवास भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने इसके साथ ही खारुन नदी में 8 करोड़ 35 लाख रुपए की लागत से उफरा से रवेली मार्ग में उच्चस्तरीय पुल तथा खम्हरिया नाला में अभनपुर-तर्रीघाट पाटन मार्ग में खम्हरिया नाला में 8 करोड़ 17 लाख रूपए से बनने वाले उच्चस्तरीय पुल, लगभग 37 लाख लागत से बनने वाले सहकारी बैंक की झीट शाखा के नये भवन का भूमिपूजन भी किया। पाटन विकासखण्ड के ग्राम सेलूद में मुख्यमंत्री श्री बघेल सोलर चरखा प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ भी किया। 

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग शहर में 138 करोड़ 35 लाख रुपए के कार्यों के लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने ठगड़ा बांध सौदर्यीकरण हेतु कराए जाने वाले 13 करोड़ 49 लाख रुपए की लागत वाले विकास एवं निर्माण कार्यों की आधारशिला रखी। 68 करोड़ 16 लाख रुपए की लागत से नेहरू चौक से मिनी माता चौक तक 8 किलोमीटर मार्ग का सुदृढ़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्य और 56 करोड़ 39 लाख रूपए की लागत से पुलगांव नाका से अंजोरा तक साढ़े 06 किमी फोरलेन निर्माण का भूमिपूजन किया। 

मुख्यमंत्री ने दुर्ग शहर के इंदिरा मार्केट सब्जी मंडी में 66.50 लाख रूपए की लागत से शेड निर्माण कार्य, पोटिया में 29.63 लाख रूपए की लागत से और वाय शेप ओव्हर ब्रिज के नीचे स्थित फिल्टर प्लांट के सामने 16.54 लाख रूपए की लागत से उद्यान निर्माण का भूमिपूजन किया। उन्होंने इसके अलावा मछली पालन विभाग के नवनिर्मित प्रशिक्षण हॉल सह-भण्डार कक्ष का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण करने के साथ ही नगर पालिक निगम क्षेत्र भिलाई में लगभग 37 करोड़ रूपए के 28 कार्यो का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। इसके अलावा खुर्सीपार भिलाई में 4 करोड़ 65 लाख रूपए की लागत से बनने वाले नवीन महाविद्यालय भवन आधारशिला रखी। समारोह को गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्वास्थ्य, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने भी सम्बोधित किया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री श्री गुरूरूद्र कुमार, विधायक श्री अरूण वोरा, विधायक और भिलाई के महापौर श्री देवेन्द्र यादव, छत्तीसगढ़ खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार सर्वश्री विनोद वर्मा, रूचिर गर्ग एवं राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।  

मुख्यमंत्री ने सांकरा ग्राम में उपस्थित बिहान महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं और प्रगतिशील कृषक श्री जगनूराम ठाकुर से चर्चा कर उद्यानिकी फसलों की खेती और उनसे हुए लाभ की जानकारी ली। कार्यक्रम की शुरूआत में मुख्यमंत्री ने भिलाई के कलाकारों द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन ’वैष्णव जन तो तेने कहिए’ पर तैयार वीडियो का लोकार्पण किया। यह वीडियो भिलाई के श्री प्रभंजय चतुर्वेदी और उनकी टीम द्वारा तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री ने कलाकारों के इस प्रयास की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने दुर्ग में उपस्थित कोरोना वारियर्स को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मानित किया।

उद्यानिकी शिक्षा एवं अनुसंधान में अग्रणी भूमिका निभाएगा महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय

दुर्ग जिले की पाटन तहसील के ग्राम सांकरा में राज्य के प्रथम उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की आधारशिला रखी गयी । 55 करोड़  रूपए की लागत से बनने वाले इस विश्वविद्यालय का नामकरण महात्मा गांधी के नाम पर किया गया है। यह विश्वविद्यालय राज्य में उद्यानिकी की उच्च शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में में अग्रणी भूमिका निभाएगा । कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम गीता ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु विविधता के कारण यहां सभी प्रकार की उद्यानिकी फसलों की खेती की अपार संभावनाएं हैं। सरगुजा अंचल के पहाड़ी क्षेत्र में नाशपाती, अंगूर, चाय कॉफी ,काजू स्ट्राबरी, अलूचा, राज्य के मैदानी क्षेत्रों में ड्रैगन फ्रूट, बेर, आम, अमरूद, केला नींबू तथा बस्तर के पठारी क्षेत्र में नारियल, काजू, काफी, दालचीनी, तेजपत्ता और काली मिर्च उत्पादन की प्रचुर संभावनाएं विद्यमान हैं। फल-फूल, सब्जी और मसाले की खेती तथा इनके व्यवसायिक उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में उद्यानिकी विश्वविद्यालय की स्थापना एक सार्थक और सराहनीय कदम है। 

छत्तीसगढ़ राज्य में उद्यानिकी फसलों के क्षेत्रफल और उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में 8 लाख 61हजार 663 हेक्टेयर में बागवानी फसलें ली जा रही हैं और इनका वार्षिक उत्पादन एक करोड़ मेट्रिक टन से अधिक हो गया है। देश में छत्तीसगढ़ राज्य उद्यानिकी फसलों की खेती के रकबे के मामले में 13वें क्रम तथा उत्पादन के मामले में 12वें क्रम पर है। राज्य में फल-फूल, सब्जियों, मसालों के उत्पादन और उत्पादकता में दिनों-दिन बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्तमान समय में राज्य में 2 लाख 58 हजार 630 हेक्टेयर में फल, 5 लाख 25 हजार 147 हेक्टेयर में सब्जी, 55 हजार 376 हेक्टेयर में मसाला, 13 हजार 493 हेक्टेयर में पुष्प तथा 8 हजार 957 हेक्टेयर में औषधि एवं सुगंधित पौधों की खेती की जा रही है। छत्तीसगढ़ की जलवायु परिस्थितियों ने विभिन्न प्रकार की बागवानी फसलों की खेती को संभव बना दिया है। जिसके फलस्वरूप नई फसल जैसे- ड्रैगन फ्रूट, खजूर, चेरी, प्लम, ऑयल पाम, ओलिव की खेती को बढ़ावा मिल रहा है। वर्तमान में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से प्रतिवर्ष 300 विद्यार्थी उद्यानिकी की स्नातक उपाधि तथा 30 विद्यार्थी स्नातकोत्तर एवं पीएचडी की उपाधि ले रहे हैं। नए विश्वविद्यालय के खुलने से उद्यानिकी एवं वानिकी की उच्च शिक्षा हासिल करने में राज्य के युवाओं को सुविधा मिलेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में उद्यानिकी के दो शासकीय एवं चार निजी महाविद्यालय संचालित है। चार और नये उद्यानिकी महाविद्यालय क्रमशः अर्जुन्दा, साजा-बेमेतरा, जशपुर एवं धमतरी में प्रारंभ हुए है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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