अमृत उत्सव के सपने के साथ बड़े छलांग की तैयारी

पुष्पेंद्र/रायपुर : यूपी इलेक्शन के चुनाव के शोर के बीच ये बजट आम तौर पे लोभ लुभावना सा होगा सभी सोंच रहे थे पर सरकार ने बड़ी सूझ बूझ से बैलेंस तरीके से बजट पेश किया जिसमे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर या बुनियादी ढांचा को केंद्र में रखा! जो कि इलेक्शन के साथ साथ देश की प्रगति के लिए बहुत ही जरूरी है क्योंकि विकास के समीप सबसे बड़ी आर्थिक बाधा बुनियादी ढांचा का न होना ही है, अगर इस पड़ाव को पर करना है तो हमे इसे मजबूत करना ही पड़ेगा चाहे हमारा लक्ष्य पांच ट्रिलियन इकोनॉमी हो या 10 ट्रिलियन इकोनॉमी हो!

पुष्पेंद्र/रायपुर

जैसा कि हम जान रहे हैं कोविड के संकट ने अर्थव्यवस्था के पहिये को रोक सा दिया था पर पिछले साल के रिकवरी पैकेज आत्म निर्भर भारत को जारी रखते हुए यह बजट भी लांग टर्म ग्रोथ को नजर में रखते हुए करीबन पांच सौ बिलियन डॉलर लगभग लगभग 40 लाख करोड़ का कैपिटल एक्सपेंडिचर का लक्ष्य रखा है जो कि एक सपना से कम नहीं पर आज़ादी का अमृतउत्सव में 10 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने के लिए यह ज़रूरी भी है जिसके लिए इस बजट में इसे गति शक्ति का थीम रखा गया है!

सरकार ने महंगाई का कारण यह माना कि पेट्रोल और डीजल और जियो पॉलिटिक्स अस्थिरता को लेके चिंता भी जताई है पर हमें जैसा कि पता है महंगाई के चलते मुद्रा का मूल्य गिरता है अतः आम लोग अर्थात मध्यम वर्ग टैक्सपेयर की उम्मीद थी कि टेक्स स्लैब में कुछ राहत मिलेगी परन्तु सरकार ने न तो टेक्स को बढ़ाया न कम किया!

आज भारत मे स्टार्टअप कल्चर को प्रोत्साहन देने के कारण आज बहुत सारे यूनिकॉर्न बन रहे हैं इस प्रोत्साहन को जारी रखते हुए अल्ट्रा रिच पूंजीवादियों को देश के अंदर इन कम्पनियों में निवेश करने के मात्र 15 प्रतिशत केपिटल गेन टेक्स की स्लैब लगाया गया जो कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सराहनीय प्रयास है!

जैसे कि जीएसटी के आने के बाद इनडाइरेक्ट टेक्स कलेक्शन में रिकार्ड बढ़ोत्तरि हुई है पर कुछ राज्य सरकारों की रेवेन्यू कलेक्शन क्षमता कम हुई है पर कोविड संकट के कारण राज्यों की राजस्व की मांग में बहुत बढ़ोत्तरि हुई है इसको मद्देनजर रखते हुए सरकार ने राज्य सरकारों के लिए एक लाख करोड़ इंटरेस्ट फ्री लोन का प्रावधान रखा है जो कि सराहनीय कदम है!

भारत एक कृषि प्रधान देश है और अंतिम तीन वर्षों से कृषि क्षेत्रों का योगदान सराहनीय रहा है पर एमएसपी को लेके कोई बड़ा बयान नहीं आया जैसा कि लोगों को उम्मीद थी ना ही उर्वरक सब्सिडी में छूट न देकर कटौति की गई है पर प्राकृतिक खेती को जोर देते हुए ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया है!

उद्योग की दृष्टि से विकास और पर्यावरण के मध्य सामंजस्य बनाये रखने हेतु इलेक्ट्रिकल वाहन को प्रोत्साहन दिया गया है ग्रीन बांड की घोषणा की गई है बैटरी स्वेपिंग पालिसी लाया गया है साथ ही छोटे व लघु उद्योमो को 2 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त गारंटी कवर दी गई है!

विगत दो वर्षों से भारत चीन के बॉर्डर विवाद बना हुआ है और पाकिस्तान को मद्देनजर रखते हुए रक्षा बजट को 10 प्रतिशत बढ़ाया गया है साथ ही स्वदेशीकरण मेक इन इंडिया को प्रमोट करने के लिए लगभग 70 प्रतिशत पूंजीगत खरीददारी घरेलू उद्योग से लेने का विचार आत्म निर्भर बनाने में सही दिशा है!

आज चीन दक्षिण कोरिया 5जी लागू कर चुकी है पर आज भी हम 5जी स्पेक्ट्रम का नीलामी तक नहीं किये हैं साथ ही हमारा टेलीकॉम पॉलिसी पर भी डीपी का भी खतरा मंडरा रहा है पर सरकार की बीएसएनएल पर 4जी अपग्रेड और पुनर्गठन का ख्याल अभी आया पता नहीं क्यों वोडाफोन आईडिया में हिस्सेदारी ली पर 5जी का आबंटन की घोषणा देरी से ही पर सही कदम है!

प्लानिंग कमीशन को पुनर्गठन कर नीति आयोग का आगमन नया एलपीजी दौर है इसके तहत एयर इंडिया के सफल निजीकरण के बाद अब एलआईसी का आईपीओ की घोषणा की गई है साथ ही विनिवेश का लक्ष्य को कम किया गया है शायद सरकार थोड़ा यथार्थवादी बन रही है!

सरकार ने  ब्लाक चैन टेक्नोलॉजी इनोवेशन का उपयोग करने के राह में डिजिटल रुपया लाने का निर्णय किया गया है साथ ही तीस प्रतिशत डिजिटल एसेट  (क्रिप्टो) पर टैक्स लगा कर पिछले दरवाजे से कानूनी संरक्षण दे दिया जो कि बहुत सराहनीय कदम है साथ ही छोटे निवेशकों के जोखिम को कम करता है!

यह अमृतकाल का बजट अमृतकाल यानी आज़ादी के 100 बरस का ब्लू प्रिंट बताते हुए बुनियादी ढांचा जैसे सड़क, रेल, एयरपोर्ट, बन्दरगाह, गैस, बिजली, पर ध्यान केंद्रित करना चुनाव के दौर पे विकास की पोलिटिकल संदेश देती है पर विकास का मॉडल ग्रोथ से ज्यादा डेवलोपमेन्ट में दिखती है अतः शिक्षा और स्वास्थ्य में हमें और खर्च करने की जरूरत है!

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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