राष्ट्रीय सुरक्षा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मजबूती, एआई से लैस 75 उत्पाद लॉन्च
रायपुर : भविष्य के युद्धों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित रक्षा उत्पादों की भूमिका अहम होगी। इसे ध्यान में रखते हुए रक्षा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देने का रोड मैप बनाने के लिए 2018 में एआई टास्क फोर्स बनाई गई थी। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए भारत में ही उत्पादन को प्राथमिकता दी गई तो इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप और विदेशी निवेश के रास्ते खोले गए। इससे एक ओर जहां भारतीय रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिला तो दूसरी ओर सेना के आधुनिकतम
साजो-सामान की जरूरतें पूरी हो रही हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में रक्षा निर्यात अब तक के सर्वाधिक 13 हजार करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर चुका है। इसमें 70% योगदान निजी क्षेत्र से और शेष 30% सार्वजनिक क्षेत्र से मिला है। इसी कड़ी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस से लैस 75 उत्पाद/प्रौद्योगिकी की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 जुलाई को की।
इन उत्पादों में एआई प्लेटफॉर्म ऑटोमेशन,स्वायत्त/मानवरहित/रोबोटिक्स प्रणालियां, ब्लॉक चेन आधारित स्वचालन, कमान, नियंत्रण, संचार, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही, साइबर सुरक्षा, मानव व्यवहार संबंधी विश्लेषण, बुद्धिमान निगरानी प्रणाली, घातक स्वायत्त हथियार प्रणाली, लॉजिस्टिक और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से संबंधित उत्पाद और प्रणालियां शामिल हैं।