ग्रामोद्योग के आकर्षक शिल्प और उत्पाद अब ऑनलाइन उपलब्ध

मिल रहा अच्छा प्रतिसाद कुछ दिनों में ही 75 हजार से अधिक की बिक्री

रायपुर : राज्य शासन की मंशा के अनुरूप ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने और उसे जन-जन तक पहुंचाने विभाग द्वारा बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने अधिकारियों को ग्रामोद्योग के आकर्षक शिल्प और किफायती घरेलू सजावटी सामान को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने समीक्षा करते हुए शिल्पियों, कारीगरों तथा बुनकरों के उत्पादों की निरंतर ऑनलाइन बिक्री  सुनिश्चित करने के  निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्री  गुरु रूद्रकुमार की पहल पर विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के कारण आई बाजार में मंदी की स्थिति तथा ई-कॉमर्स पर लोगों के बढ़ते रुझान को देखते हुए  ग्रामोद्योग के उत्पादों को ऑनलाइन  बिक्री किया जा रहा है। मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने ऑनलाइन मिल रहे अच्छे प्रतिसाद पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि शिल्पियों,कारीगरों तथा बुनकरों के उत्पादों को ऑनलाइन बाजार उपलब्ध होने से उनके जीवनयापन में  आसानी और आर्थिक समृद्धि आएगी। 

 डॉ श्रीमती मनिंदर कौर द्विवेदी  प्रमुख सचिव ग्रामोद्योग  ने बताया कि छत्तीसगढ़ के शिल्प और हाथकरघा से निर्मित वस्त्रों को लोगों की पसंद और उनके रुचि अनुरूप मांग पर तैयार कर किफायती दरों पर ऑनलाइन  बिक्री के लिए उपलब्ध  कराया गया है, जिसका अच्छा प्रतिसाद देखने को मिल रहा है । उन्होंने कहा कि ऑनलाइन  विक्रेता के रूप में  पंजीयन कराते ही कुछ दिनों में ही 75 हजार रुपए से अधिक  की  छोटे सजावटी सामग्रियों की बिक्री हो गई है।  संचालक ग्रामोद्योग  श्री सुधाकर खलखो ने जानकारी  देते हुए बताया कि विगत दो माह में  विभिन्न प्रकार के उत्पादन  जैसे की बेलमेटल,ब्रास, लौह शिल्प तथा हाथकरघा की साड़ियां, तौलिए, चादर आदि का चयन कर ऑनलाइन बिक्री के मापदंड के आधार पर इन सब की फोटो संकलित कर ली गई है तथा  ऑनलाइन क्रय आदेश  प्राप्त होने पर उसे पैक करके भेजने  का प्रशिक्षण और उसकी व्यवस्था पूर्ण रूप से तैयार  कर ली गई है । उन्होंने बताया कि  ऑनलाइन मिल रहे  अच्छे प्रतिसाद के कारण अब  प्रतिदिन नए-नए  उत्पाद  बिक्री हेतु डाले जा रहे हैं। इसके साथ ही  अब जल्द ही रेडीमेड ब्लाउज, कुर्ती,  तुंबा शिल्प के उत्पाद बांस से निर्मित आभूषण, मैनपाट के कालीन तथा हैंडमेड साबुन भी ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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