बड़ी राहत: सभी टैक्सपेयर्स के लिए आएगा एक ही आईटीआर फॉर्म
नई दिल्ली/सूत्र : वित्त मंत्रालय करदाताओं को बड़ी राहत देने जा रहा है। मंत्रालय ने सभी प्रकार के करदाताओं के लिए एक समान आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म लाने का प्रस्ताव किया है। इस फॉर्म में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से होने वाली आय की जानकारी अलग से दी जा सकती है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने कहा है कि ट्रस्ट और गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर सभी प्रकार के करदाता प्रस्तावित समान ITR फॉर्म में रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। सीबीडीटी ने इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों से 15 दिसंबर तक सुझाव मांगे हैं। वर्तमान में, करदाताओं की विभिन्न श्रेणियों के लिए सात प्रकार के आईटीआर फॉर्म प्रचलन में हैं।
रिटर्न फाइलिंग में लगने वाले समय में होगी कमी
CBDT ने कहा कि ITR-1 और ITR-4 फॉर्म जारी रहेंगे, लेकिन व्यक्तिगत करदाता भी रिटर्न दाखिल करते समय एक नए समान ITR फॉर्म का विकल्प चुन सकेंगे। बोर्ड ने कहा कि इस प्रस्ताव का मकसद आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाना और रिटर्न फाइलिंग में लगने वाले समय को कम करना है।
नए यूनिफॉर्म फॉर्म में, करदाताओं को आयकर से संबंधित अनुसूचियों की तलाश करने की आवश्यकता नहीं होगी जो उनके लिए लागू नहीं हैं। इसके अलावा, करदाताओं को आयकर विभाग के पास उपलब्ध थर्ड पार्टी डेटा के उचित मिलान की सुविधा भी मिलेगी। इससे करदाताओं पर अनुपालन बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।
ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम) सामान्य ITR फॉर्म हैं। अधिकांश छोटे और मध्यम करदाता इन फॉर्मों के माध्यम से आईटीआर दाखिल करते हैं। वेतन, घर या ब्याज आदि से 50 लाख रुपये तक की आय वाले करदाता सहज फॉर्म के माध्यम से आईटीआर दाखिल करते हैं। व्यवसाय या पेशे से 50 लाख रुपये तक की आय वाले हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और फर्म आईटीआर -4 के माध्यम से रिटर्न दाखिल करते हैं।
आवासीय संपत्ति से आय वाले करदाता आईटीआर-2 के माध्यम से रिटर्न दाखिल करते हैं। व्यवसाय या पेशे से मुनाफा कमाने वाले ITR-3 के जरिए रिटर्न फाइल करते हैं। एलएलपी आईटीआर-5 और कारोबार आईटीआर-6 के जरिये रिटर्न फाइल करती हैं। आईटीआर-7 के जरिये ट्रस्ट रिटर्न फाइल करती हैं।