किसान डीएपी खाद के विकल्प के रूप में, सुपर फॉस्फेट का उपयोग करें
गरियाबंद : उर्वरक डी.ए.पी. खाद की अंतराष्ट्रीय बजार में कीमतें तेजी से बढ़ने तथा देश में डी.ए.पी. की आपूर्ति अन्य देशों से आयात पर निर्भर होने से डीएपी की कमी सतत् बनी हुई है, वर्तमान में जिले में मानसूनी वर्षा के कारण खरीफ मौसम की प्रमुख फसलों अरहर, उड़द, मुंग, मुंगफली इत्यादि की बुआई प्रारंभ हो चुका है। जिले में डी.ए.पी. की आपूर्ति में हो रही कमी को देखते हुये डी.ए.पी. उर्वरक के स्थान पर सुपर फास्फेट उपयोग करने की सलाह कृषकों को कृषि विभाग द्वारा दी गई है।
उप संचालक कृषि संदीप भोई से मिली जानकारी अनुसार खरीफ फसलों की अधिक उपज प्राप्त करने हेतु अच्छे किस्म के प्रमाणित एवं हाइब्रीड बीजों के चयन अत्यंत आवश्यक है, अधिकांशतः अधिक उपज देने वाले किस्मों में पोषक तत्व ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। वर्तमान में सहकारी एवं निजी उर्वरक विक्रेताओं द्वारा यूरिया, सुपर फास्फेट, डीएपी, म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं एन.पी. के. उर्वरकों की आपूर्ति किया जा रहा है। किसान भाई डीएपी उर्वरक का उपयोग करना अधिक पसंद करते है क्योंकि इसमें 18 प्रतिशत नत्रजन एवं 46 प्रतिशत स्फूर (फास्फोरस) होता है, जिसका प्रभाव शीघ्र पौधों में प्रदर्शित होता हैं फसल उत्पादन मे पोषक तत्वों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहता है।
नत्रजन का उपयोग तना, पत्तियों के वानस्पतिक वृद्धि एवं विकास हेतु किया जाता है, फास्फोरस जड़, बीज एवं फलों के विकास तथा पौधों के पुष्पन में सहायक होते हैं, पोटाश पौधे में कठोरता प्रतिकूल परिस्थितिया एवं कीट रोग प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता है। वर्तमान मे डी.ए.पी. उर्वरक की कम उपलब्धता को देखते हुये डीएपी के स्थान पर स्फूर की पूर्ति हेतु सुपर फॉस्फेट का उपयोग किया जा सकता है, जिसमे 16 प्रतिशत स्फूर तथा 11 प्रतिशत सल्फर होता है, सल्फर महत्त्वपूर्ण आवश्यक पोषक तत्व है, जो फसल के पौधे को बढ़ाने में सहायक होता है। फसलों की बुआई प्रभावित ना हो इसके लिये फसलवार उर्वरक अनुशंसा के आधार पर फसलों में उर्वरक उपयोग कर डी.ए.पी. की कमी को दूर किया जा सकता है।
वर्तमान में कृषकों द्वारा डीएपी उर्वरकों का मांग अधिक की जा रही है जिसकी उपलब्धता के लिये जिला एवं राज्य स्तर पर हर संभव प्रयास किये जा रहे है। शासन के दिशानिर्देशानुसार उर्वरक विक्रय हेतु पी.ओ.एस. मशीन की अनिवार्यता एवं निर्धारित दर पर उर्वरकों का विकय सुनिश्चित करने हेतु संबंधितो को निर्देशित किये गये है।
अतः समस्त कृषकों से अपील है कि डी.ए.पी. उर्वरक के स्थान पर उपरोक्त अनुशंसित मात्रा अनुसार सुपर फास्फेट एवं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा डी.ए.पी. के वैकल्पिक उर्वरकों की अनुशंसा की गई है, जिसके अनुरूप किसान भाईयों द्वारा फास्फोरस पोषक तत्व के लिये परंपरागत रूप से खेती किसानी के साथ अन्य उर्वरकों का उपयोग करें।