मेक इन इंडिया की बड़ी कामयाबी, पहली बार मरम्मत के लिए भारत आया चार्ल्स ड्रयू
नई दिल्ली/सूत्र : सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया रंग लाने लगी है. अमेरिकी नौसैनिक पोत ‘चार्ल्स ड्रयू’ रविवार को चेन्नई के कट्टुपल्ली में कंपनी के लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) शिपयार्ड में मरम्मत और संबद्ध सेवाओं के लिए पहुंचा। यह पहला मौका है जब कोई अमेरिकी जहाज मरम्मत के काम के लिए भारत पहुंचा है। इसे मेक इन इंडिया के लिए उत्साहजनक बताते हुए रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस कदम ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में एक नया आयाम जोड़ा है। मरम्मत के लिए अमेरिकी जहाज 11 दिनों तक कट्टुपल्ली के शिपयार्ड में रहेगा। यह जहाज इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में युद्ध बेड़े के संचालन में अमेरिकी नौसेना को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “यह पहली बार है जब अमेरिकी नौसेना का जहाज मरम्मत के लिए भारत पहुंचा है।” अमेरिकी नौसेना ने कट्टुपल्ली में एलएंडटी के शिपयार्ड को जहाज के रखरखाव का ठेका दिया था। बयान में कहा गया है कि यह कदम वैश्विक जहाज मरम्मत बाजार में भारतीय शिपयार्ड की क्षमताओं को दर्शाता है। भारतीय शिपयार्ड उन्नत समुद्री प्रौद्योगिकी का उपयोग करके जहाज की मरम्मत और रखरखाव के लिए व्यापक और किफायती सेवाएं प्रदान करते हैं।
रक्षा सचिव अजय कुमार, नौसेना स्टाफ के वाइस चीफ वाइस एडमिरल एस.एन. घोरमडे और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने शिपयार्ड का दौरा किया। इस दौरान चेन्नई में अमेरिकी महावाणिज्य दूत जूडिथ रविन के अलावा नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। कुमार ने कहा कि हमें यूएस नेवल शिप चार्ल्स ड्रयू का भारत में स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी भारत की पहल का विशेष महत्व है