बिहार और झारखंड ने इनकम टैक्स भुगतान में गुजरात को पछाड़ा, जानिए कौन है नंबर वन

नई दिल्ली/सूत्र: गुजरात एक विकसित राज्य है। वहां के रहने वाले मुकेशअंबानी और गौतम अडानी देश में ही नहीं, दुनिया भर में अमीरों की सूची में अग्रणी स्थान रखते हैं। लेकिन बात जब मध्यम वर्ग के लोगों की होती है तो जंगल-झाड़ वाला राज्य झारखंड और पिछड़े राज्य बिहार के निवासी विकसित राज्य गुजरात के निवासी पर भारी पड़ रहे हैं। जी हां, यह आंकड़ा हमारा नहीं बल्कि इनकम टैक्स विभाग का है। आप भी इसे देखिए…
गुजरात में मध्यम वर्ग की संख्या कम
हमारे सहयोगी मीडिया में इसी तरह की एक रिपोर्ट आई है। इसमें कारोबारियों और पेशेवरों द्वारा भरे गए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है। यह विश्लेषण 2024-25 के असेसमेंट ईयर (Assessment Year) के लिए किया गया था। इससे पता चला कि अमीर माने जाने वाले राज्यों और कम अमीर राज्यों के बीच बड़ा अंतर है। इस साल झारखंड में 20% टैक्स देने वालों ने 12 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की सालाना आय घोषित की है। वहीं गुजरात, जिसे अक्सर समृद्ध राज्य माना जाता है, वहां यह संख्या सिर्फ 7% है। आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि 25 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक कमाने वाले टैक्सपेयर्स (Taxpayers) की संख्या के मामले में गुजरात टॉप 10 राज्यों में भी नहीं है। वहीं, महाराष्ट्र इस श्रेणी में देश के सभी राज्यों में सबसे आगे है।
25 लाख से ज्यादा कमाने वाले कितने?
इस विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि भारत में सबसे ज्यादा टैक्स भरने वाले लोगों की आय 2.5 लाख रुपये से 7.5 लाख रुपये के बीच है। देश भर के मध्यम वर्ग के आधे से ज्यादा लोग इसी दायरे में आते हैं। कुल करदाताओं में से सिर्फ 2.5% लोग ही 25 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं। इससे पता चलता है कि भारत में उच्च-मध्यम आय वर्ग कितना छोटा है।
इस मामले में बिहारी और झारखंडी गुजराती से आगे
इस विश्लेषण के मुताबिक महाराष्ट्र में लगभग 1.4 लाख लोगों ने 25 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की सालाना आय घोषित की है। यह संख्या देश में सबसे ज्यादा है। इस लिहाज से कर्नाटक और तमिलनाडु दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। लेकिन जब बात लाखपतियों की हो तो कर्नाटक ‘लाखपति’ बनाने में सबसे आगे है। वहां 20% से ज्यादा टैक्स भरने वाले लोग सालाना 12 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक कमाते हैं। इसके विपरीत, गुजरात इस मामले में सबसे नीचे रहा। यहां तक कि बिहार और झारखंड भी इस मामले में गुजरात से आगे है।
दिल्ली इस मामले में सबसे आग
इस साल महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 46 लाख से ज्यादा टैक्स रिटर्न (Tax Return) दाखिल किए गए। लेकिन दिल्ली में अपनी आबादी के अनुपात में सबसे ज्यादा टैक्सपेयर्स (Taxpayers) हैं। राष्ट्रीय स्तर पर, एक राज्य की आबादी का लगभग 3% टैक्स भरता है। उत्तर प्रदेश, जो भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, वहां यह आंकड़ा सिर्फ 1.5% है। जबकि वहां महाराष्ट्र के बाद सबसे ज्यादा टैक्स रिटर्न (Tax Return) दाखिल किए गए। मतलब कि वह इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं।
भारत का असमान मध्यम वर्ग
ये आंकड़े भारत के मध्यम वर्ग में एक बड़ा अंतर दिखाते हैं। झारखंड और कर्नाटक जैसे राज्य ज्यादा कमाने वालों के मामले में आगे बढ़ रहे हैं। वहीं, गुजरात जैसे आर्थिक रूप से मजबूत राज्य इस खास आय वर्ग में पिछड़ रहे हैं। इसके साथ ही, मध्यम वर्ग के ज्यादातर भारतीय अभी भी सालाना 7.5 लाख रुपये से कम में गुजारा करते हैं।



