पक्षियों के संरक्षण के लिए चिड़िया मितानों ने ली शपथ

कोण्डागांव : वनमंडल केशकाल द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार मांझीनगढ़ (खल्लारी) विश्रामपुरी में केशकाल वनमंडल अंतर्गत आने वाले चिड़िया मितानों के लिए दिनांक 06 दिसम्बर 2020 को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें चिड़िया मितानों को प्रकृतिवादी श्री रवि नायडू एवं श्री संजय टंडन के अगुवाई में वनक्षेत्रों में चिड़िया देख कर उनकी पहचान करना सिखाया गया।

उक्त कार्यशाला में केशकाल वनमंडल के अलग-अलग रेंज से आये चिड़िया मितान उपस्थित थे। ज्ञातव्य है कि चिड़िया मितान एक ऐसा समूह है जिसके सदस्य खासकर छोटे बच्चे होते हैंए जो पहले चिड़ियों का शिकार गूलेल से किया करते थे । अब योजनांतर्गत इन्हीं बच्चों को चिड़ियों के संरक्षण एवं बचाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चूंकि भारत में 1270 चिड़ियों की प्रजातियां पायी जाती हैं उनमें से 300 से अधिक चिड़ियों की प्रजातियां छत्तीसगढ़ में मिलती हैं। परन्तु अब इनकी संख्या धीरे-धीरे कम होते जा रही है और बहुत सी प्रजाति विलुप्ति के कगार पर आ पहुंची हैं । इन्हें बचाने का प्रयास करते हुए वन मण्डल केशकाल ने चिड़िया मितान के नाम से किशोर बालकों का गठन किया है। कार्यक्रम में चिड़िया मितानों को चिड़ियों की विशेषताएं, उनकी पर्यावरणीय भूमिका के संबंध में विस्तारपूर्वक बतलाया गया।

साथ ही मांझीनगढ़ के मारी क्षेत्र में पाए जाने वाली चिड़ियों को दूरबीन और कैमरा द्वारा पहचानने का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस क्रम में गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिलासपुर से आये इंटर्नस श्री अतुल व श्री निर्मल द्वारा छत्तीसगढ़ में पाये जाने वाले सांपों के बारे में सचित्र जानकारी भी दी गई साथ ही विषैले और विषहीन सर्पों एवं सर्प दंश से उपचार के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया गया। कार्यक्रम के समापन पर चिड़िया मितानों ने चिड़िया और जंगल को बचाने की शपथ भी लेते हुए लोगों को जागरूक करने की बात कही।