छत्तीसगढ़ जीएसटी संग्रहण में सर्वाधिक बढ़ोतरी वाले राज्यों में शुमार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मार्च-2020 की तुलना में मार्च-2021 में जीएसटी संग्रहण में 22 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। छत्तीसगढ़ इस साल मार्च महीने मेंदेश में जीएसटी संग्रहण में सर्वाधिक वृद्धि वाले राज्यों में शुमार है। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा जीएसटी राजस्व कर के संग्रहण के संबंध में जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में पिछले वर्ष मार्च में 2093 करोड़ 17 लाख रूपए का जीएसटी संग्रहण हुआ था। पिछले वर्ष की तुलना में इस साल मार्च में करीब 451 करोड़ रूपए ज्यादा जीएसटी प्राप्त हुआ है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के आखिरी महीने मार्च-2021 में राज्य में 2544 करोड़ 13 लाख रूपए की जीएसटी संग्रहित हुई है। इसमें भारत सरकार द्वारा जीएसटी क्षतिपूर्ति के एवज में राज्य को उपलब्ध कराया गया ऋण भी शामिल है।

वाणिज्यिक कर मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बेहतर कर संग्रहण के लिए सभी विभागीय अधिकारियों-कर्मचारियों की पीठ थपथपाते हुए उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में भी राज्य में लगातार अच्छा कर संग्रहण हुआ है। यह प्रदर्शन वित्तीय वर्ष के आखिरी महीने मार्च में भी बरकरार रहा है। प्रदेश सरकार की राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, मनरेगा का व्यापक स्तर पर क्रियान्वयन, तेंदूपत्ता की बेहतर दर पर खरीदी तथा लघु वनोपजों के दामों में वृद्धि से राज्य के ग्रामीणों, किसानों, आदिवासियों को सीधे फायदा पहुंचा है। इसकी वजह से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था एवं बाजार कोरोना संक्रमण काल में भी गतिशील बने रहे। लोगों की जेब में पैसा आने से इसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को भी मिला। संकट-काल में ग्रामीण क्षेत्रों में जो आर्थिक तरलता बनी रही, उसका लाभ उद्योगों को भी मिला।

वनांचलों में भी इस दौरान स्वसहायता समूहों के द्वारा वनोपज की खरीदी जारी रही। कोरोना संकट के दौरान रियल इस्टेट सेक्टर को सक्रिय बनाए रखने के लिए जमीनों की खरीदी-बिक्री की शासकीय गाइडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की छूट दी गई। ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी बेहतर कारोबार हुआ। लॉक-डाउन के दौरान भी प्रदेश की कोयला खदानों और इस्पात उद्योगों में उत्पादन जारी रहा। कोरोना संकट के बावजूद जीएसटी संग्रहण में हुई वृद्धि राज्य शासन द्वारा आर्थिक क्षेत्र में अपनाई गई नीतियों की सफलता को इंगित करती है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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