देश और दुनिया में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग
रायपुर : किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कवायद में जुटी सरकार ऑर्गेनिक खेती को लगातार बढ़ावा दे रही है। सिक्किम पूर्णतया ऑर्गेनिक खेती का राज्य है, तो अन्य प्रदेशों में कार्ययोजना बनाई जा रही है। ऑर्गेनिक खेती में रासायनिक खेती की अपेक्षा लागत कम है। इसके साथ ही सेहत को देखते हुए भी लोग भी ज्यादा कीमत देकर ऑर्गेनिक उत्पाद खरीद रहे हैं, लोगों की सोच में आया ये बदलाव ऑर्गेनिक खेती करने वाले किसानों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है।
देश और दुनिया में ऑर्गनिक उत्पादों (Organic products) की मांग बढ़ रही है और भारत को इसका सीधा फायदा मिलता दिख रहा है। कृषि मंत्रालय ने एक बयान में बताया कि दुनिया में ऑर्गनिक फार्मिंग करने वाले सबसे अधिक किसान भारत में है और ऑर्गनिक फार्मिंग के रकबे के हिसाब से भारत का दुनिया में नौवां स्थान है। भारत में सर्वाधिक लघु व सीमांत किसान हैं, जिनके लिए इस तरह की खेती काफी लाभप्रद हो सकती है।
ऑर्गनिक फार्मिंग को बढावा देने के लिए सरकार ने 2015 में दो कार्यक्रम मिशन वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ ईस्ट रीजन (MOVCD) और परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) शुरू किए थे। 2018 में एग्रो-एक्सपोर्ट पॉलिसी पर जोर दिए जाने के बाद भारत ग्लोबल ऑर्गनिक मार्केट्स में एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। PKVY के तहत करीब 7 लाख हेक्टेयर जमीन में 40 हजार क्लस्टरों को ऑर्गनिक खेती के लिए मदद की जा रही है। MOVCD के साथ करीब 160 एफपीओ जुड़े हैं जो करीब 80 हेक्टेयर जमीन में आर्गनिक खेती कर रहे हैं।
सिक्किम देश का पहला राज्य है जिसने पूरी तरह ऑर्गनिक फार्मिंग को अपनाया है। उत्तराखंड और त्रिपुरा भी अब इसी रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। परंपरागत रूप से पूर्वोत्तर में ऑर्गनिक फार्मिंग होती रही है और वहां देश के अन्य हिस्सों की तुलना में केमिकल्स का कम इस्तेमाल होता है। इसी तरह आदिवासी और द्वीपीय इलाकों में ऑर्गनिक फार्मिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है।
लोगों की सेहत के प्रति जागरुकता बढ़ी है, वो ज्यादा पैसे खर्च कर भी अच्छे प्रोडक्ट खरीदते हैं भारत में ऑर्गेनिक खाद्य उत्पाद अगले 4 से 5 सालों में पारंपरिक खाद्य पदार्थों की तुलना में 40 से 50 प्रतिशत अधिक कीमत पर बेचे जाने की उम्मीद है।
भारत से निर्यात होने वाले प्रमुख ऑर्गनिक उत्पादों में अलसी, तिल, सोयाबीन, मेडिसनल प्लांट्स, चावल और दालें शामिल हैं। 2018-19 में देश से ऑर्गनिक उत्पादों के निर्यात में करीब 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई और यह करीब 5151 करोड़ रुपये पहुंच गया। इन चीजों का अधिकांश निर्यात असम, मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड से होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऑर्गेनिक उत्पादों की सर्वाधिक मांग है, जिसके मद्देनजर इस तरह की खेती पर जोर देने की जरूरत है।