भारत में नासूर बनता जा रहा है मधुमेह, जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय

नई दिल्ली: डायबिटीज की बीमारी दिन-ब-दिन विकराल रूप लेती जा रही है. दुनिया भर में आधा अरब से अधिक लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक 20 से 79 साल की उम्र के 46.3 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। यह इस आयु वर्ग में विश्व की जनसंख्या का 9.3 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन, भारत और अमेरिका में मधुमेह के सबसे ज्यादा वयस्क मरीज हैं।

ऐसा कहा जाता है कि मधुमेह शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण होता है। यह जेनेटिक्स, उम्र बढ़ने और मोटापे के कारण होता है। भारत मधुमेह की विश्व राजधानी है। कोरोना के बाद भारत समेत पूरी दुनिया में मधुमेह बढ़ गया है। मधुमेह का समय पर इलाज जरूरी है। इसलिए स्वास्थ्य जांच बहुत जरूरी है। एक बार जब आपको मधुमेह हो जाता है, तो आपको इसके दुष्प्रभावों के बारे में पता होना चाहिए। जानकारी के साथ-साथ इस बात का भी ध्यान रखें कि कहीं कोई जटिलता न हो। ऐसा होते ही डॉक्टर से संपर्क करें। आपको डॉक्टर की सलाह का पालन करना होगा और स्वयं की निगरानी भी आवश्यक है। यानी ग्लूकोमीटर से अपने ग्लूकोज और शुगर की जांच करें।

मधुमेह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है और किडनी, लीवर के खतरे को बढ़ाता है। साथ ही अन्य बीमारियों का भी असर बढ़ जाता है। इसलिए एक स्वस्थ जीवन शैली आवश्यक है। जिसमें डाइट, वेट मैनेजमेंट और एक्सरसाइज जरूरी है। वहीं अगर आपको प्री-डायबिटीज है तो आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव करना चाहिए।

विशेषज्ञों का कहना है कि 90 फीसदी लोगों को टाइप-2 डायबिटीज है। अपनी जीवनशैली में बदलाव करें। व्यायाम, शारीरिक गतिविधि बढ़ाएँ। कसरत करें, दिन में कम से कम 30 मिनट टहलें। दस हजार कदम चलो। स्नैक फूड, हाई-फ्राइड फूड, चीनी, उच्च खाद्य पदार्थ आदि से बचें।

मधुमेह के बारे में कैसे जानें

अत्यधिक प्यास, अत्यधिक पेशाब, वजन घटना, पैरों में सुन्नता, तंत्रिका प्रभाव, भूख में वृद्धि, घाव भरने में देरी, पैरों में झुनझुनी, दुर्बलता

भारत में भयावह बन रहा रोग

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट कहती है कि 2019 तक भारत में डायबिटीज के करीब 77 मिलियन मरीज हैं। जिनकी संख्या 2030 तक 101 मिलियन हो सकती है, तो 2045 तक यह आंकड़ा 134.2 मिलियन को छू सकता है।

जांच की अभाव

डॉक्टरों का मानना है कि अगर मधुमेह का पता चल जाए तो समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है। उपचार, बदली हुई जीवनशैली और नियंत्रण से व्यक्ति स्वस्थ जीवन जी सकता है। लेकिन दुनिया भर में बड़ी समस्या यह है कि मधुमेह के एक बड़े वर्ग का निदान ही नहीं हो पाता है। इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट भी इसी ओर इशारा करती है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 65.2 करोड़ लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उन्हें डायबिटीज है। भारत में लगभग 43.9 मिलियन लोगों को पता नहीं है कि वे मधुमेह से पीड़ित हैं। यानी करीब 57 फीसदी आबादी ऐसी है कि उन्हें खुद को डायबिटीज होने की जानकारी नहीं है। अमेरिका में यह आंकड़ा 11.8 मिलियन है।

मधुमेह क्या है?

मधुमेह को आमतौर पर मधुमेह के रूप में जाना जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। उच्च रक्त शर्करा के लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, प्यास का बढ़ना और भूख में वृद्धि शामिल है। यह मृत्यु का आठवां प्रमुख कारण है और संयुक्त राज्य अमेरिका में अंधेपन का तीसरा प्रमुख कारण है। आजकल पहले से कहीं अधिक संख्या में युवा और यहां तक कि बच्चे भी मधुमेह से पीड़ित हैं। निश्चित रूप से इसका एक बड़ा कारण पिछले 4-5 दशकों में चीनी, मैदा और वसा रहित खाद्य उत्पादों में किए गए प्रयोग हैं।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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