पुरखौती मुक्तांगन में भ्रमण के लिए बैटरी चलित वाहन की सुविधा

रायपुर : संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत की अध्यक्षता में आज नवा रायपुर के उपरवारा स्थित पुरखौती मुक्तांगन में पुरखौती मुक्तांगन निर्माण एवं संचालन समिति की बैठक हुई। बैठक में पर्यटकों की सुविधा के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। संस्कृति मंत्री श्री भगत ने कहा कि पुरखौती मुक्तांगन के पेड़-पौधों में सिंचाई के लिए समुचित पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने पर्यटकों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने यहां आने वाले पर्यटकों के लिए सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के साथ शांतिपूर्ण वातावरण के लिए विशेष ध्यान रखने के भी निर्देश दिए है। बैठक में बताया गया कि पुरखौती मुक्तांगन में प्रतिदिन लगभग दो हजार दर्शक आते है। एक जनवरी को नववर्ष के अवसर पर करीब 15 हजार लोगों ने पुरखौती मुक्तांगन भ्रमण-अवलोकन का आनंद उठाया।

पुरखौती मुक्तांगन में आने वाले पर्यटकों खासकर वरिष्ठ नागरिकों की सुविधा के लिए यहां बैटरी चलित वाहन की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया। पुरखौती मुक्तांगन के प्रवेश शुल्क से प्राप्त आय से आने वाले दर्शकों के भ्रमण के लिए 6 वाहन 36 लाख रूपए से क्रय किए जाने का निर्णय लिया गया। बैटरी चलित वाहन 6 सीटर होगा। संस्कृति मंत्री ने सौर बैटरी चलित वाहन खरीदने के साथ ही मुक्तांगन के भीतरी हिस्से की सड़कों का चौड़ीकरण कराने के भी निर्देश दिए है। पुरखौती मुक्तांगन में सुरक्षा के दृष्टिकोण से यहां वायरलेस धारी (वाकीटॉकी) सुरक्षा कर्मी तैनात करने का भी निर्णय लिया गया। मुक्तांगन परिसर में गढ़कलेवा एवं लघु वनोपज संघ द्वारा संचालित संजीवनी विक्रय केन्द्र शीघ्र शुरू करने के संबंध में भी चर्चा की गई।

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पुरखौती मुक्तांगन के मुख्य द्वार पर दर्शकों की सुविधा के लिए मैप-बोर्ड लगाने और मुख्य द्वार दोनों साइट में 9 दुकानों का निर्माण कराने, वाहन पार्किंग शेड का निर्माण, टिकट कांउटर की संख्या बढ़ाने सहित पूरे परिसर एवं आसपास के क्षेत्र में प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी., संचालक श्री विवेक आचार्य सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। संस्कृति मंत्री श्री भगत ने बैठक पश्चात् पुरखौती मुक्तांगन का भ्रमण किया और यहां की वर्तमान व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ ही अन्य सुविधाओं के विस्तार के संबंध में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। 

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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