पाक्सो एक्ट के आरोप में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना पड़ा महंगा , 3 दिन की कैद और जुर्माना

यूपी : गोंडा जिले में अपनी नाबालिग पुत्री से छेड़छाड़ व पाक्सो एक्ट के आरोप में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराना वादी को महंगा पड़ गया। मामले की सुनवाई कर रहे अपर जिला जज राजेश नारायण मणि त्रिपाठी ने वादी को तीन दिन की कैद और पांच हजार का जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माने की राशि की अदायगी न करने पर तीन दिन की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

प्रकरण थाना कौड़िया के अंतर्गत झौहना का है। यहां के वादी ने जिला सीतापुर के गांव व थाना रामपुर निवासी के विरुद्ध इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। आरोप है कि तीन अप्रैल 2022 को उसकी नाबालिग लडकी स्कूल से घर आ रही थी। उसे पकड़कर आरोपी लूटपाट संग अश्लील हरकतें करते हुए छेड़छाड़ करने लगा। पुलिस ने पॉक्सो एक्ट व छेड़छाड़ की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र अदालत पर भेज दिया।

मुकदमे के ट्रायल के दौरान अभियोजन द्वारा घटना साबित नहीं की जा सकी। अदालत ने वादी द्वारा दर्ज कराई रिपोर्ट को झूठी करार देते हुए आरोपित को दोषमुक्त कर दिया। साथ ही वादी मुकदमा के विरूद्ध अदालत ने झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था। मुकदमा दर्ज होने व नोटिस तामीला होने के बाद भी वादी मुकदमा अदालत पर हाजिर नहीं आया। इस पर अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी कर दिया।

पुलिस ने वादी मुकदमा को गिरफ्तार कर अदालत के समक्ष पेश किया गया। वादी द्वारा अदालत के समक्ष जुर्म इकबाल का प्रार्थना पत्र देते हुए मुकदमा समाप्त करने की याचना की गई। अदालत ने वादी मुकदमा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए तीन दिन का साधारण कारावास व पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

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