किसान संगठनों ने नये कृषि कानूनों को समाप्त करने की जिद पर अड़े, आंदोलन आज भी जारी

रायपुर : कृषि सुधार कानूनों को लेकर आंदोलनकारी संगठनों के साथ सरकार का तीसरा दौर कि वार्ता मंगलवार को समाप्त हो गया। सभी की निगाहें गुरूवार होने वाली अगले दौर की बैठक पर टिक गई है। । वार्ता के बाद बाहर आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज की बैठक में परस्पर समझ बनी है। अब किसानों के साथ चौथे चरण की वार्ता गुरुवार को होगी, जिसमें विस्तृत चर्चा होगी। वार्ता के दौरान, किसानों ने एक संयुक्त समिति गठित करने के सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

किसानों ने बातचीत में एक संयुक्त समिति बनाने और सभी मुद्दों को पूरा करने और उन पर विचार करने के प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। सरकार की ओर से कहा गया कि छोटे समूह में बैठकर किसी समस्या पर गहन विचार-विमर्श करना आसान होता है। लेकिन इस पर उनका कहना था कि समिति के सीमित सदस्यों के साथ वार्ता की जगह सभी संगठनों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। किसान आंदोलन किसी नतीजे के आने तक जारी रखा जाएगा। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार से पुख्ता भरोसे का आग्रह कर रहे थे। सरकार की ओर से उन्हें नये कानूनों के बारे में विस्तार से बताने के लिए प्रजेंटेशन दिखाया गया।
कृषि सुधार के कानूनों के विरोध में पिछले कई दिनों से दिल्ली की सीमा पर किसानों का आंदोलन चल रहा है। अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने बैठक को अच्छा बताया। 3 दिसंबर को सरकार के साथ अगली बैठक के दौरान, हम उन्हें समझाएंगे कि कोई भी किसान कृषि कानून का समर्थन नहीं करता है। इसे लेकर आंदोलन जारी रहेगा।