बंद एवं बीमार उद्योगों को क्रय किए जाने पर नवीन उद्योग का दर्जा
रायपुर : वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा के विभागों की छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु प्रस्तुत 417.23 करोड़ रूपए का अनुदान मांगे ध्वनिमत से पारित की गई।
मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश में पहला राज्य है, जो बंद एवं बीमार उद्योगों को एनसीएलटी अथवा सरफेसी एक्ट के तहत क्रय कर नवीन क्रेता के द्वारा उद्योग प्रारंभ किए जाने पर इकाई को नवीन इकाई के रूप में अनुदान की पात्रता औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत होगी। राज्य में बेरोजगार युवाओं को स्वयं के उद्यम या उद्योग स्थापना के लिए मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना लागू है। इसमें आर्थिक सहायता के रूप में मार्जिन मनी अनुदान दिया जा रहा है।
मंत्री ने कहा कि राज्य में जनवरी 2019 से फरवरी 2022 तक 167 एमओयू किए गए हैं, जिनमें लगभग 78 हजार करोड़ रूपए का निवेश प्रस्तावित है। लगभग 90 इकाईयों में उद्योग स्थापना हेतु कार्यवाही शुरू कर दी है, जिनमें अब तक 2750 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश किया जा चुका है। 5 इकाईयों में व्यावसायिक उत्पादन भी प्रारंभ कर दिया है। पूरे प्रदेश में उद्योगों के पक्ष में माहौल बना हुआ है। अब तो जहां सुकमा जैसे जिले में ग्रेनाइट पर आधारित उद्योग हेतु निवेशक आ रहे है, तो जशपुर में भी खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित उद्योग स्थापना में निवेशक रूचि दिखा रहे हैं।
उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक भूमि को लीज पर आबंटन किया गया है। ऐसी औद्योगिक इकाईयों को छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम-2015 के अंतर्गत ‘लीज होल्ड भूमि से फ्री होल्ड भूमि करने हेतु नियम-2019‘ जारी किए गए हैं। जिसके अंतर्गत 10 साल या उससे अधिक समय से उत्पादरत औद्योगिक इकाईयों को लीज पर दी गई भूमि हो फ्री होल्ड किया गया है। जिससे औद्योगिक इकाईयों को आबंटित भूमि जो कि लीज पर थी, का मालिकाना हक निवेशकों को मिला है, ऐसा करने वाला छत्तीसगढ़ भारत का दूसरा राज्य है।
उन्होंने कहा कि राज्य में अधोसंरचना विकास हेतु नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना और निजी क्षेत्रों में निजी औद्योगिक क्षेत्र, पार्क की स्थापना की जा रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में अधोसंरचना उन्नयन कार्य एवं जीर्णोंद्धार किए जा रहे है।