गोधन न्याय योजना से गौपालकों हो रहें है अतिरिक्त आय जिले में अब तक 79 हजार 460 क्विंटल गोबर की खरीदी

2 हजार 551 गौपालकों को 1करोड़ 58 लाख 92 हजार 82 रुपये का भुगतान

सुखसागर/बलौदाबाजार : राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना से जिले के किसान एवं गौपालक को अतिरिक्त आय का अर्जन हो रहा है। इस योजना  के तहत जिले में अब तक 79 हजार 460 क्विंटल गोबर की खरीदी किया गया है। इनसे 2 हजार 551 गौपालकों को 1करोड़ 58 लाख 92 हजार 82 रुपये का भुगतान किया जा चुका है।

माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिस सकारात्मक सोच से यह योजना प्रारंभ किया गया था। उसके परिणाम अब जमीनी स्तर पर दिखने लगे है।गोधन न्याय योजना से आम व्यक्तियों, किसानों एवं गो पालको को अतिरिक्त आय का अर्जन हो रहा है। इससे पूरा परिवार भी बहुत खुश है। लोग इस राशि का उपयोग किसानी कार्य सहित अन्य कामों में किया जा रहा हैं। गौरतलब है की 20 जुलाई हरेली  त्यौहार के दिन तक गोधन न्याय  योजना को आरंभ किया गया था। अब तक इसके तहत 8 चक्रों में गोबर खरीदी कर भुगतान किया गया है। पहले चक्र 20 से 30 जुलाई तक 2444 क्विंटल, दूसरे चक्र में 1 से 15 अगस्त तक 7504 क्विंटल, तीसरे चक्र 16 से 31 अगस्त तक 9323 क्विंटल,चौथा चक्र 1 से 15 सितंबर तक 12 हजार 867 क्विंटल,पाँचवे चक्र 16 से 30 सितंबर तक 5888 क्विंटल, छठवाँ च्रक 1 से 15 अक्टूबर तक 16 हजार 853 क्विंटल,सातवां चक्र 16 से 31 अक्टूबर तक 14 हजार 430 क्विंटल एवं आठवां चक्र 1 से 15 नवम्बर तक 10 हजार 347 क्विंटल गोबर की खरीदी किया गया है। इसी तरह जिले में कुल 96 गोठान है। जिसमें 87 ग्रामीण एवं 9 शहरी गोठान शामिल है। इनमें से 83 गोठान में खरीदी की जा रही है। विकासखण्ड बलौदाबाजार में 15,पलारी 27,बिलाईगढ़ 13,कसडोल 16,भाटापारा 14,सिमगा 26 गोठान बनायें गये है। जिसमें से बलौदाबाजार में 15,पलारी 15 बिलाईगढ़ 12,कसडोल 15,भाटापारा 13,सिमगा 13 गोठान सक्रिय है। जहाँ पर नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। इन गौठानों में कुल 5 हजार 969 कुल गोबर बेचने के लिए पंजीकृत है। जिसमें से विकासखंड बालौदाबाजार में 1128, पलारी 664,बिलाईगढ़ 1543, कसडोल 414,भाटापारा 605, सिमगा 1087 शामिल है। इनमें से बालौदाबाजार में 278, पलारी 573,बिलाईगढ़ 206, कसडोल 337,भाटापारा 401 एवं सिमगा 563 गोपालक सक्रिय है। इस तरह जिले में 2 हजार 551 गोपालकों ने गोठान में जाकर गोबर बेचे है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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