एलआईसी का आईपीओ के विरोध में अभिकर्ताओं ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया
पंकज/कांकेर : एलआईसी का आईपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) लाने के निर्णय के विरोध में भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मचारियों ने कुछ दिनों पहले प्रदर्शन किया था। अब अभिकर्ता भी इसके विरोध में उतर आए हैं। अभिकर्ताओं ने एलआईसी के विनिवेश से जुड़े सरकार के प्रस्ताव का विरोध किया है। साथ ही समूह बीमा और ग्रेच्युटी की राशि बढ़ाए जाने की मांग की है।
विरोध में उतरे बीमा अभिकर्ता लाइफ इंश्योरेंस एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के बैनर तले भारतीय जीवन बीमा निगम कांकेर के अभिकर्ताओं ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान अभिकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी की है। धरने पर बैठे अभिकर्ताओं ने बताया कि भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लाए जाने का विरोध कर रहे हैं। प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी शाखा प्रबंधक को सौंपा है। धरना प्रदर्शन में शामिल अभिकर्ताओं का समूह बीमा राशि बढ़ाकर 50 लाख रूपये किये जाने और ग्रच्युटी की राशि में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं। उन्होने कहा कि सरकार के निजीकरण की नीति से देश आम नागरिकों के हितों पर गहरा घात होगा। इसलिए इस नीति का विरोध किया जा रहा है।
अभिकर्ताओं के हड़ताल के चलते जीवन बीमा निगम के कार्यालयों में कामकाज भी प्रभावित रहा है। अभिकर्ताओं ने बताया कि एलआईसी ने 2019-20 में रिकॉर्ड 2.19 करोड़ नयी बीमा पॉलिसी बेची हैं। फिर भी एलआईसी के आईपीओ लानें का क्या मतलब है? फिलहाल एलआईसी की पूरी हिस्सेदारी सरकार के पास है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2020 में आम बजट पेश करते वक्त कहा था कि सरकार ने अपने विनिवेश कार्यक्रम के तहत देश की सबसे बड़ी बीमा कम्पनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) से अपनी कुछ हिस्सेदारी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिए बेचेगी, इसका विरोध लगातार जारी है।