फर्जी GST रजिस्ट्रेशन से टैक्स चोरों की खैर नहीं, सरकार ने सख्त कार्रवाई करने का लिया फैसला

रायपुर: जो लोग फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने के बाद फर्जी रसीदों के आधार पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा करते हैं और बिना किसी तरह की सेवा या उत्पाद की आपूर्ति किए अपने खाते में राशि जमा कर चोरी करते हैं, अब उनकी खैर नहीं। केंद्र और राज्यों के कर अधिकारियों ने ऐसे लोगों को ट्रैक करने के लिए दो महीने का विशेष अभियान शुरू किया है।

विशेष अभियान के दौरान कर अधिकारी त्वरित कार्रवाई करेंगे। यदि कोई विसंगति पाई जाती है, तो कर अधिकारी इसे सत्यापित करेंगे। सत्यापन के दौरान संबंधित करदाता फर्जी पाया जाता है अर्थात उसका कोई व्यवसाय नहीं है, उसने फर्जी तरीके से जीएसटी पंजीकरण कराया है, तो उसका जीएसटी पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा।

नियमों का पालन करना होगा

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के दिशानिर्देशों के अनुसार, GST के तहत पंजीकृत व्यापारियों को साइन बोर्ड पर अपना फर्म का नाम, पता, GST नंबर, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी प्रदर्शित करना होगा। इसके अलावा विशेष अभियान के तहत टैक्स अधिकारियों के मांगने पर उन्हें जीएसटी सर्टिफिकेट, बोर्ड ऐट गेट ऑफ बिजनेस प्लेस, अपना और अपने पार्टनर व डायरेक्टर का पैन व आधार नंबर, बिजली का बिल, बिल बुक और अगर दुकान व कार्यालय किराये पर हैं तो रेंट एग्रीमेंट दिखाना होगा। इनमें से किसी भी बात में चूक हुई तो टैक्स अधिकारी पेनल्टी लगा सकते हैं, जीएसटी रजिस्ट्रेशन को सस्पेंड कर सकते हैं और इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की सुविधा को खत्म कर सकते हैं।

वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी कर चोरी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। इसे देखते हुए टैक्स अधिकारियों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन पर नकेल कसने की कवायद शुरू कर दी है। सीबीआईसी के अनुसार, इस तरह से बेईमान व्यक्ति संदिग्ध और जटिल लेनदेन के माध्यम से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इस दौरान संदिग्ध जीएसटी खातों की पहचान करने के साथ-साथ जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) से फर्जी बिलों को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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