ग्रीन गोल्ड’: खीरे की खेती से बन सकते हैं लखपति, लागत कम मुनाफा ज्यादा

रायपुर: अगर किसान कम समय में मोटा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो खीरे की खेती उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। इसकी खासियत यह है कि यह फसल बुवाई के 40 से 70 दिनों में तैयार हो जाती है और लगातार तुड़ाई से किसान को बार-बार कमाई होती रहती है। सबसे बड़ी बात यह है कि हर मौसम में खीरे की मांग बनी रहती है क्योंकि सलाद से लेकर खाने-पीने की चीजों तक इसका रोजाना इस्तेमाल होता है।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
खेती शुरू करने के लिए एक एकड़ में 10 से 15 हजार रुपये का खर्च आता है। वहीं, उत्पादन और बाजार भाव को देखें तो किसान 1 से 2 लाख रुपये तक का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। एक हेक्टेयर खेत से लगभग 60–70 क्विंटल तक खीरे की पैदावार ली जा सकती है।
अगर किसान पॉलीहाउस या नेट-हाउस तकनीक अपनाते हैं तो उत्पादन 250 से 400 क्विंटल तक पहुंच जाता है। मौजूदा बाजार रेट ₹22–30 प्रति किलो है, जिससे सालभर में 10 से 12 लाख रुपये तक की कमाई संभव है।
खेती कैसे करें?
- सही मौसम व मिट्टी: खीरे की खेती के लिए गर्म और शुष्क जलवायु सबसे अनुकूल है। 25 से 35 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श माना जाता है। बलुई दोमट मिट्टी में यह फसल अच्छी होती है।
- उन्नत किस्में: थार शीतल, दुर्गापुरी और अर्का शीतल जैसी किस्में बेहतर पैदावार देती हैं।
- बुवाई का तरीका: कतार से कतार की दूरी 1.5 से 2 मीटर रखें। बुवाई के बाद हल्की सिंचाई जरूरी है।
- सिंचाई व देखभाल: गर्मियों में 5–7 दिन और सर्दियों में 8–10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें। समय-समय पर रोग और कीट नियंत्रण के लिए छिड़काव करें।
सरकार की मदद
कई राज्यों में सरकार किसानों को सब्जियों की खेती, खासकर खीरा जैसी फसलों के लिए सब्सिडी और तकनीकी मदद भी देती है। किसान अपने राज्य के कृषि विभाग से जानकारी लेकर इसका लाभ उठा सकते हैं।
कम लागत, कम समय और अधिक उत्पादन की वजह से खीरे की खेती किसानों के लिए ‘पैसा बनाने की मशीन’ साबित हो सकती है। सही तकनीक और बाजार तक पहुंच के साथ किसान लाखों रुपये की आमदनी कर सकते हैं।



