छात्रहित में ऐतिहासिक निर्णय: छत्तीसगढ़ में मेडिकल प्रवेश नियमों में व्यापक सुधार
रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर राज्य सरकार ने चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में प्रवेश वर्ष 2025 से प्रभावी कई अहम बदलावों की घोषणा की है। यह निर्णय छात्रों के हित, पारदर्शिता और अवसरों की समानता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इन सुधारों को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मार्गदर्शन में लागू किया गया है।

राज्य के चिकित्सा स्नातक पाठ्यक्रमों (MBBS, BDS, BPT) की काउंसलिंग प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक और तकनीकी रूप से सुसज्जित होगी।
🔹 प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:
✅ बॉन्ड सेवा अवधि में राहत
पूर्व निर्धारित 2 वर्षों की बॉन्ड सेवा अवधि को घटाकर अब न्यूनतम 1 वर्ष कर दिया गया है। इससे छात्रों को अनावश्यक बंधन से मुक्ति मिलेगी।
✅ पूरी काउंसलिंग प्रक्रिया अब ऑनलाइन
संपूर्ण काउंसलिंग, सीट आवंटन और प्रवेश प्रक्रिया 100% ऑनलाइन होगी, जिससे छात्रों को आवागमन की असुविधा से राहत मिलेगी।
✅ हर राउंड में पंजीयन की सुविधा
काउंसलिंग के प्रत्येक चरण (राउंड) में पुनः पंजीयन की सुविधा दी जाएगी। इससे पिछली बार वंचित रह गए छात्रों को नया मौका मिलेगा।
✅ ईडब्ल्यूएस सीटों की नीतिगत स्पष्टता
यदि ईडब्ल्यूएस (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) की आरक्षित सीटें खाली रहती हैं तो उन्हें अब सामान्य (अनारक्षित) वर्ग के छात्रों को आवंटित किया जाएगा।
✅ ओबीसी के लिए आय प्रमाण पत्र सरल
ओबीसी वर्ग के लिए आय प्रमाण पत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाया गया है।
✅ निजी कॉलेज की रिक्त आरक्षित सीटों पर प्राथमिकता
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के प्रबंधन कोटा और एनआरआई कोटा में यदि आरक्षित वर्ग (SC, ST, OBC) की सीटें खाली रहती हैं तो उन्हें छत्तीसगढ़ मूल निवासी अभ्यर्थियों को प्राथमिकता से आवंटित किया जाएगा।
🔹 काउंसलिंग की तिथि
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने बताया है कि काउंसलिंग प्रक्रिया 30 जुलाई 2025 से शुरू की जाएगी। छात्रों से अनुरोध किया गया है कि वे विभागीय वेबसाइट पर दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए आवश्यक दस्तावेज तैयार रखें।



