अस्पताल में भर्ती नोएल टाटा की मां, लेक्मे ब्रांड को घर-घर पहुंचाने में निभाई थी अहम भूमिका

नई दिल्ली: टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन नोएल टाटा की मां सिमोन टाटा की हालत गंभीर है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्हें सोमवार को दुबई से मुंबई एयरलिफ्ट किया गया। डॉक्टर फारुख उडवाडिया उनका इलाज कर रहे हैं। 95 वर्षीय सिमोन टाटा पार्किंसंस रोग से जूझ रही हैं। यही बीमारी उनके सौतेले बेटे और टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को भी थी, जिनका पिछले अक्टूबर में निधन हो गया था।

सिमोन टाटा को भारत में लेक्मे कॉस्मेटिक ब्रांड को घर-घर में लोकप्रिय बनाने के लिए जाना जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने टाटा ग्रुप से मेकअप ब्रांड शुरू करने का आग्रह किया था। उस समय भारतीय महिलाएं पश्चिमी मेकअप ब्रांड्स पर पैसा खर्च कर रही थीं। इसके बाद 1952 में टाटा ग्रुप ने लेक्मे की स्थापना की।

नवल टाटा से शादी

सिमोन मूल रूप से स्विट्जरलैंड के जिनेवा की रहने वाली हैं। वह पहली बार 1953 की गर्मियों में 23 साल की उम्र में भारत घूमने आई थीं। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने नवल टाटा से मुलाकात की। नवल टाटा उनसे 26 साल बड़े थे और अपनी पहली पत्नी से तलाक ले चुके थे। दोनों को प्यार हो गया और 1955 में उन्होंने शादी कर ली। इसके बाद सिमोन ने मुंबई को अपना स्थायी घर बनाने का फैसला किया।

1996 में, टाटा ग्रुप ने लेक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेच दिया। सिमोन ने बिक्री से मिले पैसे का इस्तेमाल वेस्टसाइड बनाने के लिए किया। वेस्टसाइड एक लोकप्रिय डिपार्टमेंट स्टोर है। सिमोन ने चार दशकों से अधिक समय तक टाटा ग्रुप के कंज्यूमर-फेसिंग बिजनस का प्रबंधन किया। इनमें लेक्में और ट्रेंट शामिल थे। उन्होंने 2006 में रिटायरमेंट ले लिया था। उन्होंने टाटा इंडस्ट्रीज के बोर्ड में भी काम किया। टाटा इंडस्ट्रीज टाटा ग्रुप के भीतर एक महत्वपूर्ण निवेश कंपनी है।

टाटा का कारोबार

रिटायरमेंट के बाद सिमोन सार्वजनिक रूप से कम ही दिखाई दीं। अक्टूबर 2019 में उन्हें दक्षिण मुंबई में वेस्टसाइड के स्टोर के उद्घाटन पर व्हीलचेयर पर देखा गया था। सितंबर 2022 में उन्होंने टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री के अंतिम संस्कार में भाग लिया था। नोएल की पत्नी साइरस की बहन हैं। अक्टूबर 2024 में वह रतन टाटा के अंतिम संस्कार में भी मौजूद थीं। रतन टाटा के निधन के बाद नोएल ने टाटा ट्रस्ट्स में उनकी जगह ले ली। टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में बड़ी हिस्सेदारी है जो 180 बिलियन डॉलर के टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है।

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