पाहन्दा में भंडारण की आड़ में चल रहा रेत का अवैध धंधा, खनन बंद होने के बाद कहां से आ रही रेत
मगरलोड/कारोबार संदेश : जिले में रेत के भंडारण की अनुमति तो दे दी गई, लेकिन भण्डारण स्थलों पर रेत कहां से कितनी मात्रा में लाई जाकर एकत्रित की जा रही है, इसकी मॉनीटरिंग नहीं की जा रही है। यही कारण है कि भंडारण अनुमति की आड़ में रेत का अवैध कारोबार फल-फूल रहा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशानुसार राज्य में 10 जून से 15 अक्टूबर तक रेत के खनन पर रोक है। इसके बाद भी दर्जनों स्थानों पर रेत के वैध-अवैध ढीहे कैसे लग रहे हैं, इसको लेकर प्रशासन वेपरवाह बना हुआ है। एक अनुमति की आड़ में दो से तीन स्थानों पर रेत का भंडारण किया जा रहा है। अनुमति देने के बाद भी निगरानी न करना अवैध कारोबार को बढ़ावा देने के समान है।
वैध के नाम पर अवैध स्टॉक
कई जगहों पर अनुमति की आड़ में अवैध उत्खनन कर रेत भंडारण की जा रही है। ऐसा ही मामला सामने आया है. मगरलोड ब्लॉक के अंतर्गत ग्राम लडेर पाहंदा व कुल्हाड़ीकोट में ट्रैक्टर और डंपर के माध्यम से दिन रात अवैध उत्खनन कर रेत का भंडारण किया जा रहा है, महानदी और पैरीनदी के लडेर पाहंदा व कुल्हाड़ीकोट रेत घाट अवैध हैं। जहां रेत का खनन कर भंडारण व परिवहन करते मिल जाएंगे है।
रेत का काला कारोबार पर कार्रवाई ना होना प्रशासन को सवालों के कटघरे में खड़ी कर रही है। साथ ही अवैध उत्खनन व भंडारण की शिकायत के संबंध में जिला खनिज निरीक्षक धमतरी का फोन न उठाना भी अवैध खनन और भंडारण पर विभाग की मौन स्वीकृति दिखती है।