‘पीपल का पेड़ – गुरु के नाम’ अभियान में एंजल एंग्लो हाई स्कूल के छात्रों ने किया पौधारोपण, दिखा पर्यावरण के प्रति उत्साह

गरियाबंद : छत्तीसगढ़ राज्य अशासकीय विद्यालय संचालक संघ द्वारा शुरू किए गए विशेष अभियान “पीपल का पेड़ – गुरु के नाम” के तहत आज गरियाबंद के एंजल एंग्लो हाई स्कूल में एक प्रेरणादायक और अनूठा वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राएं टिफिन, वॉटर बॉटल और स्कूल बैग के साथ-साथ एक-एक पौधा लेकर स्कूल पहुंचे।

विद्यालय परिसर में दिखा उत्सव जैसा माहौल

कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर में हरियाली, उमंग और जिम्मेदारी का संगम देखने को मिला। बच्चे, शिक्षक और स्कूल प्रबंधन मिलकर पौधे लगाते नज़र आए। हर कोना ‘पर्यावरण बचाओ’ के नारों से गूंज उठा।

विद्यालय के प्रधानाचार्य स्टेफ़ड बंस स्वयं छात्रों के साथ पौधारोपण करते दिखे। उन्होंने न सिर्फ पौधों की उपयोगिता बताई, बल्कि छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति व्यवहारिक जिम्मेदारी निभाने का संदेश भी दिया।

प्रधानाचार्य श्री बंस ने कहा: “एक पौधा लगाना केवल हरियाली लाना नहीं, यह जीवन मूल्यों की शिक्षा देने जैसा है। ‘गुरु के नाम पेड़’ अभियान बच्चों को प्रकृति के साथ जोड़ने का एक जीवंत माध्यम है। यह पेड़ उनके साथ बड़ा होगा और एक हरित यादगार बनकर रहेगा।”

हर छात्र ने ली जिम्मेदारी

विद्यालय प्रबंधन ने सभी छात्रों को उस पौधे की नियमित देखभाल की जिम्मेदारी भी सौंपी जिसे उन्होंने स्वयं रोपा। बच्चों ने अपने पौधे की सुरक्षा और पालन-पोषण का शपथ-पत्र लेकर प्रकृति के प्रति निष्ठा का परिचय दिया।

पूर्व तैयारी से सफल हुआ आयोजन

कार्यक्रम की सफलता में विद्यालय स्टाफ, शिक्षक-शिक्षिकाएं और अभिभावकगण भी शामिल रहे। आयोजन के लिए पूर्व में गड्ढे खोदने, पौधों की व्यवस्था और स्थान निर्धारण की पूरी तैयारी कर ली गई थी।

अभियान का लक्ष्य: 11 लाख से अधिक पीपल के पौधे

“पीपल का पेड़ – गुरु के नाम” अभियान के अंतर्गत पूरे प्रदेश में 5 सितंबर, शिक्षक दिवस तक कुल 11,11,111 पीपल के पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसका उद्देश्य छात्रों में प्रकृति के प्रति लगाव और संरक्षण की व्यवहारिक समझ को विकसित करना है।

ग्रीन डे की थीम में रचा-बसा आयोजन

इस आयोजन को ‘ग्रीन डे’ के रूप में मनाया गया, जिसमें छात्रों ने पर्यावरण संबंधित स्लोगन तख्तियों के साथ फोटो सेशन किया और वृक्षों को बचाने का संकल्प लिया।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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