2030 तक कृषि निर्यात हो जाएगा दोगुना: रेडी-टू-ईट फूड सेगमेंट के विकास की संभावनाएं
नई दिल्ली/सूत्र: देश में एग्री एक्सपोर्ट यानी कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है। सरकार के मुताबिक, 2030 तक कृषि निर्यात मौजूदा 50 अरब डॉलर से दोगुना होकर 100 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने सोमवार 8 जनवरी को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का है।
रेडी-टू-ईट फूड सेगमेंट में होगी बढ़ोतरी
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने ‘इंडस फूड फेयर-2024’ में कहा, ”मुझे विश्वास है कि आज भारत का 50 अरब डॉलर का निर्यात वर्ष 2030 तक दोगुना होकर करीब 100 अरब डॉलर हो जाएगा.” ‘टू-ईट’ फूड सेगमेंट जैसे क्षेत्रों में विकास की काफी संभावनाएं हैं। मेले का उद्घाटन करते हुए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चावल, गेहूं और चीनी समेत कुछ प्रमुख वस्तुओं की खेप पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद चालू वित्त वर्ष में देश का कृषि निर्यात पिछले साल के 53 अरब डॉलर के स्तर से अधिक रहेगा।
प्रतिबंध के बावजूद निर्यात बढ़ा
इससे पहले एक अधिकारी ने कहा था कि निर्यात प्रतिबंधों और अंकुश के कारण इस वित्त वर्ष में करीब चार से पांच अरब डॉलर का निर्यात प्रभावित होगा। सरकार ने गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल एवं चीनी निर्यात पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। कार्यक्रम में बोलते हुए, भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद के अध्यक्ष मोहित सिंगला ने कहा कि दुनिया भर के लगभग 90 देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले 1,200 से अधिक प्रदर्शक और 7,500 से अधिक खरीदार तीन दिवसीय शो में भाग ले रहे हैं।
पीयूष गोयल ने दिया ये बयान
उन्होंने कहा कि कैरेफोर, खिमजी रामदास, ग्रैंड हाइपरमार्केट, नेस्टो, मुस्तफा, एक्स5, लुलु, अल्माया ग्रुप और स्पार जैसी 80 से अधिक खुदरा श्रृंखलाएं भी भाग ले रही हैं। गोयल ने यह भी कहा कि किसानों को बेहतर कीमत दिलाने, रोजगार पैदा करने और देश की कमाई बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर खाद्य प्रसंस्करण, उत्पाद ब्रांडिंग और निर्यात पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 158 खाद्य और कृषि उत्पादों को भौगोलिक संकेत (जीआई) का दर्जा दिया गया है, और उनके प्रचार के लिए एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) पहल के तहत 708 खाद्य पदार्थों की पहचान की गई है।