पंचायत प्रतिनिधियों के वित्तीय अधिकार बढ़ें, करारोपण का सिस्टम हो मजबूत
दुर्ग : वित्त आयोग के अध्यक्ष सरजियस मिंज एवं अधिकारीगण आज जिला पंचायत सभा कक्ष में दुर्ग संभाग के स्थानीय प्रतिनिधियों से मिले तथा उनसे पंचायती राज संस्थाओं की कार्यप्रणाली को और बेहतर बनाने को लेकर सुझाव भी लिये। श्री मिंज ने सबसे पहले पंचायत प्रतिनिधियों से सुझाव लिये और इसके बाद जनपद पंचायत और जिला पंचायत के प्रतिनिधियों से सुझाव लिये।
स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि पंचायतों की आय मजबूत करने से इनमें और भी प्रभावी तरीके से काम हो पाएगा लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर करारोपण और इसकी वसूली प्रभावी रूप से नहीं हो पा रही। सरपंचों को इस संबंध में अधिक अधिकार मिले तो इसकी वसूली प्रभावी रूप से हो पाएगी। गांव में सरपंच-सचिव के पास काफी काम होते हैं यदि करारोपण और वसूली के लिए पृथक से अमला हो तो यह कार्य प्रभावी रूप से हो सकेगा।
इसके लिए जिला पंचायत तक करारोपण के कैडर को मजबूत करना होगा। इसके साथ ही पंचायत अपने यहां कार्यों के लिए विभिन्न विभागों को अनापत्ति प्रमाणपत्र देते हैं। बहुत से काम ऐसे होते हैं जिसमें विभागों को आय अर्जित होती है। इस एनओसी के लिए कुछ राशि पंचायत द्वारा ली जाए और इसका उपयोग गांव में उपयोगी संसाधनों के निर्माण के लिए किया जाए। इसके साथ ही ऐसे क्षेत्रों का भी चुनाव करना चाहिए जहां पर शुल्क लगाकर गांव के लिए उपयोगी कार्य किये जा सकते हैं।
मसलन बोर खनन का विषय है। किसी ने बोर खनन कराया तो इसके बदले कुछ शुल्क दें ताकि उस पर पौधरोपण, सोख्ता गड्ढा जैसे कार्य कराए जा सकें ताकि बोर खनन के माध्यम से होने वाली पानी की क्षति को संतुलित किया जा सके। इससे गांव में वाटर हारवेस्टिंग भी कराई जा सकती है। बैठक के पश्चात आयोग के अध्यक्ष श्री मिंज ने प्रतिनिधियों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वित्त आयोग जमीनी परिस्थितियों पर लगातार नजर रख रहा है और जनप्रतिनिधियों से लगातार चर्चा कर रहा है। बातचीत से उपयोगी फीडबैक मिलते हैं जिन्हें शासन की ओर प्रेषित किया जाएगा।