एक महिला उद्यमी की दिलचस्प कहानी, समोसा बेचकर रोज कमाती हैं 12 लाख

रायपुर : देश में युवा उद्यमियों की सफलता की कहानियों की खूब चर्चा हो रही है। कुछ ने नौकरी छोड़ बिजनेस शुरू किया तो कुछ ने कम पूंजी से बिजनेस किया और करोड़ों टर्नओवर वाली कंपनी खड़ी की। भारत में सफल स्टार्टअप्स और उनके संस्थापकों की कहानियां एक जैसी हैं। इस कड़ी में आपको एक महिला उद्यमी की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो सिर्फ समोसा बेचकर हर दिन 12 लाख रुपये कमा लेती है। ये सुनकर थोड़ी देर के लिए आपका दिमाग जरूर चकरा गया होगा कि क्या एक दिन में 12 लाख रुपये के समोसे बिक सकते हैं?

फ़ाइल फोटो

गुड़गांव स्थित बी.टेक स्नातक निधि ने बेंगलुरु में भारतीय स्नैक्स समोसे का आउटलेट खोलकर जबरदस्त सफलता हासिल की। खास बात यह है कि समोसे के इस स्टार्टअप को शुरू करने के लिए निधि ने सालाना 30 लाख रुपए की नौकरी छोड़कर समोसा सिंह की शुरुआत की। आइए जानते हैं इस युवा महिला उद्यमी की दिलचस्प कहानी।

निधि और उनके पति शिखर दोनों इंजीनियरिंग स्नातक हैं और बैंगलोर में रह रहे हैं। जब पति-पत्नी दोनों अपने करियर में बुलंदियों पर थे। उस दौरान अपना स्टार्टअप शुरू करने का मन बनाया। 30 लाख रुपये सालाना सैलरी पाने वाली निधि ने 2015 में नौकरी छोड़ दी और अगले साल बेंगलुरु में समोसा सिंह नाम से आउटलेट खोली।

फ़ाइल फोटो

नौकरी के दौरान कमाए पैसों से उन्होंने समोसा सिंह आउटलेट शुरू किया। जब उनका व्यवसाय शुरू हुआ, तो उन्हें एक बड़ी रसोई की आवश्यकता थी, जिसके लिए उन्होंने अपने सपनों का अपार्टमेंट 80 लाख रुपये में बेच दिया। क्योंकि उसे एक बड़े ऑर्डर को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत थी।

शिखर और निधि की मुलाकात हरियाणा में तब हुई जब वे बी-टेक कर रहे थे। दोनों ने बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया है। दोनों संपन्न पृष्ठभूमि से हैं। पति-पत्नी दोनों अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे। लेकिन चुनाव पुश्तैनी कारोबार और उनके स्टार्टअप को लेकर था। हालाँकि, उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने मैजिक ब्रिक्स पर अपना घर बेच दिया और उस पैसे से उन्होंने बैंगलोर में एक फैक्ट्री किराए पर ली।

निधि और उनके पति का यह फैसला और विश्वास गलत साबित नहीं हुआ। स्टार्टअप में तरक्की ऐसी हुई कि उनका कारोबार कई गुना बढ़ गया। वीकेंडर की रिपोर्ट है कि वे हर महीने 30,000 समोसे बेचते हैं और उनका टर्नओवर 45 करोड़ रुपए है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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