ग्रामीण विकास बैंकों मे ऋणों की वसूली हेतु एकमुश्त समझौता योजना 2023 लागू

गरियाबंद : पूर्ववर्ती भूमि विकास बैंक से कृषकों द्वारा लिए गये ऋण तिगुना से भी अधिक हो जाने के कारण कृषक उक्त ऋण अदा कर पाने में सक्षम नहीं थे तथा कालातीत हो जाने के कारण समितियों से खाद बीज नगद ऋण नहीं ले पा रहे थे जिसके कारण खेती में पैदावार पर भी असर पड रहा था साथ ही अधिक ऋण राशि की कटौती के भय से समर्थन मूल्य का लाभ नहीं ले पा रहे थे। ऐसे कृषकों के लिए अल्पकालीन ऋण की व्यवस्था की गई है।

कृषकों की सेवा में सदैव तत्पर रहने वाले जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित रायपुर के अध्यक्ष पंकज शर्मा द्वारा कृषकों के हित को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ को पत्राचार कर एकमुश्त समझौता लागू करने हेतु पत्र मुख्यमंत्री को प्रस्तुत किये जाने पर किसान हितैषी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एकमुश्त समझौता योजना को अमल में लाने हेतु निर्देश दिये गये थे।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक एवं अन्य बैंकों के प्रस्ताव पर विचार पश्चात पूर्ववर्ती जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों द्वारा कृषकों को वितरित ऋणों की वसूली के लिए एकमुश्त समझौता योजना 2023 लागू किया गया है। तथा योजना के परावर्तन अवधि 31 मार्च 2024 तक होगी अगर ऋणी सदस्यों द्वारा इस अवसर का लाभ नहीं उठाया जाता है तो छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 अथवा अन्य सुसंगत कानूनी प्रक्रिया (जो भी लागू हो) के अंतर्गत वसूली की कार्यवाही जारी रहेगी।

बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एस.पी.चन्द्रकार तथा गरियाबंद जिले के नोडल अधिकारी प्रहलाद पुरी गोस्वामी ने कालातीत ऋणी सदस्यों से अनुरोध किये है कि अपने संबंधित समिति/शाखा में उपस्थित होकर एकमुश्त समझौता हेतु आवेदन प्रस्तुत कर योजना का लाभ उठावें तथा समिति का सदस्य बनकर कृषि कार्य हेतु शून्य प्रतिशत में अल्पकालीन ऋण प्राप्त कर अपने आर्थिक स्थिति को सुद्वढ़ बनायें।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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