एंथम बायोसाइंसेज लिमिटेड का आईपीओ ने तीन दिनों में निवेशकों से ₹3395.79 करोड़ जुटाए, GMP 23% ऊपर

नई दिल्ली/सूत्र: Anthem Biosciences IPO: एंथम बायोसाइंसेज लिमिटेड का आईपीओ 14 से 16 जुलाई तक खुला रहा और इन तीन दिनों में कंपनी ने निवेशकों से ₹3395.79 करोड़ जुटाए. यह इश्यू पूरी तरह से ऑफ़र फॉर सेल (OFS) के जरिए आया था और यह 5.96 करोड़ शेयरों के लिए था. लेकिन असली चर्चा अब शुरू हो रही है, इसकी लिस्टिंग 21 जुलाई को होगी, और निवेशक इस सवाल पर नजर टिकाए हुए हैं: क्या यह शेयर मुनाफ़ा देगा या उम्मीदों से कम प्रदर्शन करेगा?

Anthem Biosciences IPO
GMP क्या दर्शाता है? संभावित लिस्टिंग मूल्य कितना हो सकता है? (Anthem Biosciences IPO)
एंथम बायोसाइंसेज का इश्यू प्राइस बैंड ₹540-₹570 था. वर्तमान GMP ₹132 है, जो ऊपरी प्राइस बैंड से लगभग 23.1% ज्यादा है. इस आधार पर संभावित लिस्टिंग मूल्य ₹702 तक हो सकता है।
हालांकि, GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) कोई निश्चित गारंटी नहीं होती. यह केवल एक प्रवृत्ति (trend) को दर्शाता है और इसमें तेजी से बदलाव होते रहते हैं।
सदस्यता रिकॉर्ड: हर श्रेणी ने दिखाई दिलचस्पी (Anthem Biosciences IPO)
निवेशक श्रेणीसदस्यता (गुना में)खुदरा निवेशक5.98 गुनाHNI/NII44.70 गुनाQIB (संस्थागत)192.80 गुनाकुल सदस्यता67.42 गुना
ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि निवेशकों का एंथम बायोसाइंसेज पर भरोसा जबरदस्त है।
कंपनी क्या करती है और क्यों है इतनी आकर्षक? (Anthem Biosciences IPO)
एंथम बायोसाइंसेज लिमिटेड एक अग्रणी CRDMO (Contract Research, Development & Manufacturing Organization) है, जो लाइफ साइंस सेक्टर में अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करती है।
प्रमुख सेवाएं और उत्पाद:
- RNAi, ADC, पेप्टाइड्स, लिपिड, ओलिगोन्यूक्लियोटाइड्स
- प्रोबायोटिक्स, एंजाइम, न्यूट्रास्युटिकल एक्टिव्स
- बायोसिमिलर और हाई-ग्रेड API
इन्फ्रास्ट्रक्चर:
- दो इकाइयाँ (कर्नाटक में)
- वर्तमान क्षमता: 270 KL सिंथेसिस + 142 KL किण्वन
- लक्ष्य: 425 KL सिंथेसिस + 182 KL किण्वन (जो भारत के औसत से 6 गुना ज्यादा है)
वित्तीय स्थिति भी मजबूत है
FY24 से FY25 तक:
- राजस्व में वृद्धि: 30%
- कर-पश्चात लाभ में वृद्धि: 23%
यह दर्शाता है कि कंपनी तकनीकी रूप से ही नहीं, बल्कि वित्तीय रूप से भी मज़बूत है।
कंपनी को इस इश्यू से नहीं मिलेगा कोई कैश फ्लो (Anthem Biosciences IPO)
इस आईपीओ से जुटाई गई पूरी राशि प्रमोटर्स और मौजूदा शेयरधारकों के पास जाएगी. कंपनी को सीधे तौर पर कोई फंड नहीं मिलेगा, लेकिन इसका विकास प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि कंपनी पहले से ही फंडेड है।



