आम लोगों और कारोबारियों को राहत, सरकार लाएगी नया GST ढांचा
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर ( GST ) लागू होने के आठ साल बाद, केंद्र सरकार जीएसटी 2.0 लाने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद है आम लोगों और कारोबारियों के लिए जीवन को आसान बनाना और टैक्स का बोझ कम करना। सरकार जीएसटी के ढांचे में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके तहत, ज्यादातर इस्तेमाल होने वाली चीजों पर 5% और बाकी सामानों पर 18% का टैक्स लगाने का प्रस्ताव है। अभी 12% और 28% के टैक्स स्लैब को खत्म करने की योजना है। साथ ही, मार्च में मुआवजा उपकर (compensation cess) भी बंद हो जाएगा। ‘Sin goods’ यानी तंबाकू जैसी हानिकारक चीजों पर 40% टैक्स लगाने का प्रस्ताव है।
कई चीजें हो जाएंगी सस्ती
सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, मेडिकल उपकरण, स्टेशनरी, शिक्षा से जुड़ी चीजें और रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें, जैसे कि हेयर ऑयल और टूथब्रश पर या तो कोई टैक्स नहीं लगेगा या फिर 5% टैक्स लगेगा। इससे ये चीजें काफी सस्ती हो जाएंगी। जैम, फ्रूट जेली, फ्रूट जूस, पैकेट बंद नारियल पानी आदि में भी कटौती हो सकती है।वहीं मध्यम वर्ग के लोग जो चीजें इस्तेमाल करते हैं, जैसे कि AC, TV और फ्रिज, उन्हें 18% के स्लैब में रखा जाएगा। हालांकि, सरकार ऑटोमोबाइल और सीमेंट पर कैसे टैक्स लगाएगी, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। इन पर अभी 28% टैक्स लगता है।
इंश्योरेंस में भी मिल सकती है राहत
हेल्थ और टर्म इंश्योरेंस पर जीएसटी को कम करने की भी योजना है। इस पर कई महीनों से विचार चल रहा है। बीमा के साथ-साथ ऑटोमोबाइल, स्वास्थ्य, हस्तशिल्प, कृषि उत्पाद, कपड़ा, उर्वरक और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
कई समस्याएं हो जाएंगी खत्म
टैक्स स्लैब कम होने से नमकीन, पराठे, बन और केक जैसी चीजों पर अलग-अलग टैक्स लगने की समस्या खत्म हो जाएगी। क्योंकि, अलग-अलग चीजों के बनने में इस्तेमाल होने वाले सामान पर अलग-अलग टैक्स लगता है। सरकार ने बताया कि हीरे और जवाहरात पर 0.25% और गहनों पर 3% का विशेष टैक्स जारी रहेगा। इससे इन उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
क्या है सरकार का प्लान?
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘हमने एक बहुत ही सरल, अच्छी तरह से सुधारा हुआ, अगली पीढ़ी का GST प्रस्तावित किया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मोटे तौर पर, टैक्सAnger over Trump’s tariffs is justified का बोझ कम होगा क्योंकि 12% और 28% स्लैब में आने वाली ज्यादातर चीजों पर टैक्स की दरें कम हो जाएंगी।’ योजना यह है कि 12% स्लैब में आने वाली 99% आम इस्तेमाल की चीजों को 5% के स्लैब में लाया जाए। कुछ चीजों को 18% के स्लैब में रखा जाएगा।
कब लागू होंगे ये बदलाव?
जीएसटी परिषद से मंजूरी मिलने के बाद ये बदलाव लागू हो जाएंगे। इससे साल 2017 से चली आ रही छोटी-मोटी बदलावों की प्रक्रिया खत्म हो जाएगी। पहले हर बैठक में मंत्री कुछ न कुछ बदलाव करते रहते थे। इन बदलावों के चलते टैक्स की औसत दर 11.6% तक आ गई थी, जो अब और कम हो जाएगी।



