10 प्वाइंट्स में जानिए पूरा बजट, किन घोषणाओं का आप पर पड़ेगा सीधा असर

रायपुर/karobarsandesh : Budget 2023 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना सबसे छोटा बजट भाषण पढ़ा। यह भाषण महज 87 मिनट का था। इस बार सरकार के बजट में आम नागरिकों को तत्काल लाभ देने के साथ ही अधोसंरचना विकास पर भी जोर दिया गया है।
नई टैक्स व्यवस्था के स्लैब में बदलाव कर सरकार ने 3 लाख रुपये तक की आय को टैक्स से छूट दी है. वहीं, 7 लाख रुपये तक की आय को छूट के दायरे में लाया गया है. यानी प्रभावी रूप से वेतनभोगी नागरिकों को 7 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा।
टैक्स स्लैब को 7 की जगह घटाकर 5 कर दिया गया है। ये स्लैब इस प्रकार हैं- 0-3 लाख तक कोई टैक्स नहीं, 3-6 लाख तक की आय पर 5%, 6 से 9 लाख तक की आय पर 10% आयकर 9-12 लाख – 15%, 12-15 तक 20 फीसदी, 15 लाख रुपये से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स
रेलवे को 2.4 लाख करोड़ रुपए का बजट दिया गया है। यह करीब 10 साल में सबसे ज्यादा आवंटन है। यह पिछले साल के बजट से 4 गुना और 2013-14 के बजट से 9 गुना ज्यादा है।
सरकार 10 लाख करोड़ रुपये लॉन्ग टर्म कैपिटल एक्सपेंडिचर पर खर्च करेगी। इसके पीछे सरकार का मकसद कोविड-19 के बाद रुकी विकास दर को एक बार फिर से रफ्तार देना है। यह 2023-24 में भारत की जीडीपी का 3.3 फीसदी है।
व्यावसायिक विवादों के निपटारे के लिए सरकार नई विवाद समाधान योजना लाएगी।
आधार और डिजिलॉकर के जरिए सभी पहचान पत्रों को एक ही जगह अपडेट करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। चुनिंदा सरकारी एजेंसियों के सभी डिजिटल सिस्टम के लिए PAN को एक कॉमन आइडेंटिटी कार्ड के तौर पर देखा जाएगा।
चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.4 फीसदी रहेगा। वहीं, 2023-24 के लिए इसे जीडीपी के 5.9 फीसदी तक लाने का लक्ष्य रखा जाएगा।
कृषि क्षेत्र में कर्ज का लक्ष्य 20 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. पीएम आवास योजना के लिए धन आवंटन 66 प्रतिशत बढ़ाकर 79,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
सरकार ने 7 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है जिन पर प्रमुख कार्य किया जाना है। ये सबका साथ, सबका विकास, अंत्योदय, हरित विकास, युवा, वित्तीय क्षेत्र, बुनियादी ढांचा और निवेश, बढ़ती दक्षता हैं। मुख्य रूप से इन क्षेत्रों में काम किया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य 2030 तक 5 मीट्रिक टन हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करना है। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सरकार हरित ईंधन को बढ़ावा देना चाहती है।