सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनिमल लवर्स पर पहली FIR, जानिए BNS 223A में कितनी सजा का प्रावधान

नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध करने पर दिल्ली पुलिस ने पहली एफआईआर दर्ज की है। यह मुकदमा BNS 223A के तहत बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर दर्ज हुआ है। मामला दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में दर्ज किया गया है।
इंडिया गेट पर 100 से अधिक प्रदर्शनकारी जुटे
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार को दिल्ली-एनसीआर से आए 100 से अधिक पशु प्रेमी (Animal Lovers) इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन के लिए जुटे। पुलिस ने उन्हें पहले हिरासत में लिया और कुछ घंटों बाद छोड़ दिया।
अगले दिन मंगलवार को पुलिस ने प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना अनुमति प्रदर्शन करने पर मुकदमा दर्ज किया और अब प्रदर्शनकारियों की पहचान के लिए CCTV फुटेज और फोटो-वीडियो की जांच की जा रही है।
BNS 223A के तहत सजा का प्रावधान
- यदि बिना अनुमति के प्रदर्शन से मानव जीवन, स्वास्थ्य या सुरक्षा को खतरा, दंगा या मारपीट होती है, तो एक साल तक की कैद, ₹5,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
- अन्य मामलों में छह माह तक की कैद, ₹2,500 तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश क्यों आया?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में आदेश दिया था कि दिल्ली की सड़कों को आवारा कुत्तों से मुक्त किया जाए, ताकि आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इस आदेश का देशभर में पशु प्रेमियों ने विरोध किया, जिनका कहना है कि यह फैसला पशु अधिकारों के खिलाफ है।
पुलिस की अगली कार्रवाई
दिल्ली पुलिस अब प्रदर्शनकारियों की पहचान और साक्ष्य जुटाने में लगी है। सूत्रों के अनुसार, वीडियो फुटेज के आधार पर संबंधित व्यक्तियों को जल्द नोटिस भेजे जा सकते हैं।



