जानें : पीएम विद्यालक्ष्मी स्कीम क्या है जिसे मोदी सरकार ने दी है मंजूरी

नई दिल्ली/सूत्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक नई स्कीम ‘पीएम विद्यालक्ष्मी’ को मंजूरी दी है। यह योजना मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी ताकि आर्थिक तंगी के कारण कोई भी उच्च शिक्षा से वंचित न रहे। पीएम विद्यालक्ष्मी राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की एक और महत्वपूर्ण पहल है। इसमें सिफारिश की गई थी कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के उच्च शिक्षण संस्थानों में मेधावी छात्रों को विभिन्न उपायों के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए।

पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत किसी भी छात्र को जो क्वालिटी हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशन (QHEI) में प्रवेश लेता है, उसे ट्यूशन फीस और कोर्स से संबंधित अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी गारंटर और कोलेटरल के लोन मिल सकेगा। यह योजना एक सरल, पारदर्शी और छात्र-हितैषी प्रणाली के माध्यम से संचालित की जाएगी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी।

क्यों लागू होगी स्कीम?

यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी। जैसा कि NIRF रैंकिंग से तय किया गया है। इस सूची को हर साल नवीनतम NIRF रैंकिंग का उपयोग करके अपडेट किया जाएगा। पहले 860 योग्य QHEI के साथ इसकी शुरुआत होगी। इसमें 22 लाख से अधिक छात्र पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठाने में सक्षम होंगे। अगर उनकी इच्छा हो तो।

ब्याज सब्सिडी योजना

7.5 लाख रुपये तक की कर्ज राशि के लिए छात्र बकाया डिफॉल्ट के 75% की क्रेडिट गारंटी के लिए भी पात्र होगा। इससे बैंकों को योजना के तहत छात्रों को शिक्षा लोन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और जो किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सबवेंशन योजनाओं के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें अधिस्थगन अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए 3 फीसदी ब्याज सबवेंशन भी प्रदान किया जाएगा।

हर साल एक लाख छात्रों को ब्याज सबवेंशन सहायता दी जाएगी। उन छात्रों को वरीयता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों से हैं और उन्होंने तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है। 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपये का परिव्यय किया गया है। इस अवधि के दौरान 7 लाख नए छात्रों को इस ब्याज सबवेंशन का लाभ मिलने की उम्मीद है।

कैसे मिलेगा एजुकेशन लोन?

उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल ‘पीएम-विद्यालक्ष्मी’ होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों की ओर से उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से एजुकेशन लोन के साथ ब्याज सबवेंशन के लिए आवेदन कर सकेंगे। ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के जरिये किया जाएगा।

पीएम विद्यालक्ष्मी भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में भारत सरकार की ओर से पिछले एक दशक में की गई पहलों की श्रृंखला के दायरे और पहुंच का निर्माण और विस्तार करेगी।

यह उच्च शिक्षा विभाग की ओर से कार्यान्वित किए जा रहे पीएम-यूएसपी की दो घटक योजनाओं केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी (सीएसआईएस) और शिक्षा ऋण के लिए क्रेडिट गारंटी फंड योजना (सीजीएफएसईएल) का पूरक होगी। पीएम-यूएसपी सीएसआईएस के तहत 4.5 लाख रुपये तक की वार्षिक पारिवारिक आय वाले और अनुमोदित संस्थानों से तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रमों को करने वाले छात्रों को 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन के लिए पूर्ण ब्याज सबवेंशन मिलता है। इस प्रकार, पीएम विद्यालक्ष्मी और पीएम-यूएसपी मिलकर सभी योग्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण HEI में उच्च शिक्षा और अनुमोदित HEI में तकनीकी/पेशेवर शिक्षा हासिल करने के लिए समग्र सहायता प्रदान करेंगे।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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