जानिए कब: नासा का अंतरिक्ष यान पृथ्वी की रक्षा के लिए एस्टेरॉयड से टकराएगा
नई दिल्ली/सूत्र : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पृथ्वी को एस्टेरॉयड की टक्कर से बचाने और उसकी दिशा बदलने के लिए पिछले साल डार्ट मिशन लॉन्च किया था. अब 26 सितंबर को यह मिशन एस्टेरॉयड से टकराकर अपनी दिशा बदलने जा रहा है. यह मिशन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यदि कभी कोई एस्टेरॉयड पृथ्वी की ओर आ रहा है और उसकी दिशा में कोई परिवर्तन नहीं होता है, तो बड़े विनाश का खतरा होता है।
पृथ्वी को एस्टेरॉयड की टक्कर से बचाने के लिए यह अमेरिकी अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में चक्कर काट रहा है और एस्टेरॉयड से टकराएगा। इसका मकसद यह जानना है कि टक्कर से एस्टेरॉयड की दिशा बदलेगी या नहीं। यह अंतरिक्ष यान एस्टेरॉयड से 23,760 किमी घंटे की रफ्तार से टकराएगा इसके अलावा टक्कर के दौरान एस्टेरॉयड धातु, धूल, मिट्टी आदि के वातावरण का भी अध्ययन किया जाएगा।
इस मिशन का नाम ‘Double asteroid redirection test’ है। जिसमें काइनेटिक इम्पैक्टर तकनीक शामिल है। इस तकनीक को इसलिए विकसित किया गया ताकि पृथ्वी की ओर आने वाले एस्टेरॉयड से टकराकर अंतरिक्ष यान को अपनी दिशा में बदला जा सके। डार्ट अंतरिक्ष यान की निगरानी के लिए इटालियन स्पेस एजेंसी के लाइट इटालियन क्यूबसैट फॉर इमेजिंग एस्टेरॉयड को भेजा जा रहा है। यह एस्टेरॉयड के पास से गुजरेगा और टक्कर की तस्वीर लेगा और अपनी तस्वीर पृथ्वी पर भेजेगा।
नासा के शोध के अनुसार अंतरिक्ष में कुछ ऐसे एस्टेरॉयड हैं जिनका व्यास 460 फीट से भी ज्यादा है। अगर इस आकार का कोई पत्थर अमेरिका पर गिरता है तो वह किसी भी राज्य को पूरी तरह तबाह कर सकता है। वहीं अगर यह समुद्र में गिरता है तो सुनामी ला सकता है। हालांकि नासा ने कहा है कि पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाने वाले 8,000 पत्थरों में से एक भी अगले 100 साल तक पृथ्वी से नहीं टकराएगा।