2 लाख रुपये प्रति किलो! मैंगो एक्सपो में छाया जापानी मियाज़ाकी आम, जानें क्यों है दुनिया का सबसे महंगा आम
रायपुर: तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में आयोजित मैंगो एक्सपो में दुनिया के सबसे महंगे आम मियाज़ाकी ने सबका ध्यान खींचा। कोंडा लक्ष्मण बापूजी मैंगो रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित इस प्रदर्शनी में आम की लगभग 240 किस्मों का प्रदर्शन किया गया, लेकिन जापान का मियाज़ाकी आम सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र रहा।

मियाज़ाकी आम की कीमत लगभग दो लाख रुपये प्रति किलो आंकी गई है। यह आम न केवल अपनी कीमत बल्कि अपनी गुणवत्ता, स्वाद और स्वास्थ्यवर्धक गुणों के कारण भी चर्चा में रहा। इसका रंग बैंगनी होता है और इसके भीतर का गूदा नारंगी रंग का होता है, जिसमें बीटा कैरोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार यह आम आंखों की सेहत के लिए बेहद लाभकारी है।

एक्सपो के दौरान किसानों को इस किस्म की खेती की तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। फ्रूट रिसर्च सेंटर की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुचित्रा ने बताया कि मियाज़ाकी आम की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उसे भरपूर रोशनी में रखा जाना चाहिए। साथ ही, इसकी फसल के दौरान प्रत्येक आम को ठीक तरह से बैगिंग किया जाना आवश्यक है, ताकि उस पर दाग-धब्बे न पड़े और उसकी कीमत प्रभावित न हो।
डॉ. सुचित्रा ने यह भी बताया कि इस रिसर्च इंस्टीट्यूट में दुनिया के लगभग 477 किस्मों के आमों पर शोध कार्य जारी है। संस्थान न केवल खेती की उन्नत विधियों पर काम कर रहा है, बल्कि आम की पारंपरिक और विलुप्त हो रही किस्मों के संरक्षण पर भी ध्यान दे रहा है।
प्रदर्शनी में अंडमान निकोबार द्वीप समूह के जंगली आम और केरल के मिर्च आकार वाले आमों को भी प्रदर्शित किया गया, जिन्हें देखकर आगंतुकों में विशेष रुचि देखी गई।
मियाज़ाकी आम का नाम जापान के मियाज़ाकी शहर पर रखा गया है। आमतौर पर आमों का रंग पीला या हरा होता है, लेकिन मियाज़ाकी आम लाल और बैंगनी रंग के होते हैं, जिससे इन्हें ‘सूरज का अंडा’ भी कहा जाता है। इसमें प्राकृतिक मिठास बहुत अधिक होती है, जिसकी वजह से इसका स्वाद अत्यंत मधुर होता है। इसके साथ ही इसमें विटामिन सी, ई और पोटैशियम की भी भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिससे यह पोषण के दृष्टिकोण से अत्यंत मूल्यवान फल बन जाता है।
मियाज़ाकी आम की खेती अत्यंत सावधानी की मांग करती है। प्रत्येक फल को जालीदार कपड़े से ढंका जाता है, ताकि धूल, मिट्टी और कीटों से उसे सुरक्षित रखा जा सके। इसकी खेती भारत में अभी सीमित स्तर पर की जाती है, लेकिन इसकी अंतरराष्ट्रीय मांग लगातार बढ़ रही है।
कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि यदि किसान वैज्ञानिक पद्धतियों को अपनाएं, तो मियाज़ाकी आम जैसे उच्च मूल्य वाले फलों की खेती कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। मैंगो एक्सपो में किसानों को इसी दिशा में प्रोत्साहित किया गया और उन्हें भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराया गया।



