बैंक खाताधारकों की सेल्फ डिक्लेरेशन से होगी केवाईसी, आरबीआई की गाइडलाइंस जारी

नई दिल्ली/सूत्र : खाताधारक की पहचान सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचने के लिए बैंक अपने ग्राहकों के केवाईसी विवरण को अपडेट करते हैं. अब ग्राहकों के सेल्फ डिक्लेरेशन के आधार पर केवाईसी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए ग्राहकों को बैंक जाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, पते में बदलाव की स्थिति में ग्राहकों को दस्तावेज जमा करने होंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने KYC (Re-KYC) को अपडेट करने की प्रक्रिया को सरल कर दिया है। 5 जनवरी को जारी गाइडलाइंस के मुताबिक, आरबीआई ने ग्राहकों की केवाईसी डिटेल्स को एक तय अवधि में अपडेट करने की जरूरत को दोहराया है। आरबीआई के मुताबिक, बैंकों के लिए समय-समय पर ग्राहकों की केवाईसी डिटेल अपडेट करना अनिवार्य है।

आरबीआई के मुताबिक अगर किसी ग्राहक के केवाईसी विवरण में कोई बदलाव नहीं होता है तो ग्राहक स्व-घोषणा के जरिए फिर से केवाईसी कर सकता है। इसके लिए ग्राहकों को बैंक की शाखा में जाने की जरूरत नहीं होगी। RBI ने बैंकों को विभिन्न चैनलों के माध्यम से स्व-घोषणा की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया है।

केवाईसी स्व-घोषणा के लिए, बैंकों को सूचित किया गया है कि वे ग्राहकों को पंजीकृत ईमेल-आईडी, पंजीकृत मोबाइल नंबर, एटीएम के माध्यम से, ऑनलाइन बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, पत्राचार के माध्यम से प्रदान करें, ताकि ग्राहकों को बैंक शाखा में जाने की आवश्यकता न हो।

आरबीआई के मुताबिक अगर सिर्फ ग्राहक के पते में बदलाव होता है तो ग्राहक ईमेल आईडी, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, एटीएम, ऑनलाइन बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, लेटर ट्रांजैक्शन के जरिए बदले हुए पते का दस्तावेज पेश कर सकता है. बैंकों को ग्राहक द्वारा संशोधित पता जमा करने की तारीख से दो महीने के भीतर घोषित पते का सत्यापन करना होगा।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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