टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र के लिए 12 सितम्बर तक चलेगी लोगो डिजाइन प्रतियोगिता
वनमण्डल केशकाल की अभिनव पहल के द्वारा स्कूल एवं कॉलेज छात्र-छात्राएं करेंगे लोगो डिजाइन
कोण्डागांव : वनमण्डल केशकाल के द्वारा टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र का विकास जिले के अंतर्गत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाये जा रहे ईको पर्यटन सर्किट के तहत् किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत वनमण्डल केशकाल द्वारा अभिनव पहल के तहत् इस पर्यटन केन्द्र को विशेष पहचान दिलाने के उद्देश्य से बनाये जा रहे लोगो (प्रतीक चिन्ह) को डिजाइन करने के लिए स्कूली एवं महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया है। इस प्रतियोगिता के अंतर्गत कक्षा 8वीं से लेकर महाविद्यालय तक के छात्र-छात्राएं ईको पर्यटन केन्द्र टाटामारी हेतु लोगो डिजाइन में अपना योगदान दे सकेंगे। इसके लिए छात्र-छात्राओं को वनमण्डल केशकाल कार्यालय द्वारा जारी वाट्सएप नम्बरों 9406117550, 9752111623 पर अपने द्वारा तैयार की गई लोगो (प्रतीक चिन्ह) को वाट्सएप द्वारा 12 सितम्बर की मध्यरात्रि 12.00 बजे तक भेजना होगा। इस प्रतियोगिता में विजेता प्रतिभागी के द्वारा बनाये गये प्रतीक चिन्ह को टाटामारी ईको पर्यटन केन्द्र के लोगो के रूप में उपयोग किया जाएगा साथ ही विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा।
इस प्रतियोगिता के संदर्भ में वनमण्डल द्वारा प्रतियोगियों के लिए सुझाव दिया गया है कि वे लोगो डिजाइन के दौरान टाटामारी के महत्व एवं विशेषता को प्रतीक चिन्ह में विशेषतः सम्मिलित करें एवं प्रतीक चिन्ह की डिजाइन के साथ उसके संबंध में संक्षिप्त विवरण अनिवार्यतः संलग्न करें। इसके साथ ही वाट्सएप में प्रतिभागियों को लोगो के साथ अपना नाम, पालक का नाम, ग्राम का नाम, पूर्ण पता, मोबाईल नम्बर, कक्षा, स्कूल/महाविद्यालय का नाम जहां वे अध्ययनरत् हैं, बताया जाना अनिवार्य होगा।
इस संबंध में वनमण्डलाधिकारी केशकाल धम्मशील गणवीर ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य स्थानीय लोगों एवं विशेषतः युवाओं में पर्यटन क्षेत्र के संबंध में उत्साह का संचार एवं स्कूल कॉलेजों के बंद होने पर छात्र-छात्राओं के प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय पर्यटन समन्वय समिति का यह प्रयास है कि स्थानीय प्राकृतिक सम्पदाओं को बिना क्षति पहुंचाते हुए ईको टूरिज़्म सर्किट का विकास किया जाए जिससे ईको पर्यटन के माध्यम से जिले के स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त हो साथ ही जिले के प्राकृतिक सौंदर्य से देश-विदेश के लोगों को परिचित कराया जा सके।