Manmohan Singh: मनरेगा से लेकर सूचना के अधिकार तक, कैसे बदली भारत की तकदीर?

रायपुर: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत की प्रगति को दिशा देने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने देश में आर्थिक सुधारों की नींव रखी। वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने भारत को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभाई। मनमोहन सिंह ने देश की अर्थव्यवस्था को उदार बनाया। विदेशी कंपनियों के लिए दरवाजे खोले। यह उनकी आर्थिक नीतियों का ही जादू था कि 1991 के क्रांतिकारी बजट के बाद देश का विदेशी मुद्रा भंडार महज दो साल में 1 बिलियन डॉलर से बढ़कर 10 बिलियन डॉलर हो गया। 1998 में यह 290 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
मनमोहन सिंह 2004 में देश के प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 1991 में बतौर वित्त मंत्री जो आर्थिक सुधार किए थे, उसे आगे बढ़ाया। आइए जानते हैं मनमोहन सिंह की अगुआई वाली सरकार के बड़े फैसलों के बारे में, जिन्होंने देश की दिशा और दशा बदल दी।
रोजगार गारंटी योजना
मनमोहन सिंह सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था का कायाकल्प कर दिया। इससे बड़े पैमाने पर लोगों को रोजगार का मौका मिला और उनके आर्थिक हालत सुधरे। इस योजना की तारीफ वर्ल्ड बैंक ने भी की है। उसने इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोक-निर्माण कार्यक्रम करार दिया है। इससे देश की 15 फीसदी आबादी को सामाजिक सुरक्षा मिल रही है।
शिक्षा का अधिकार
मनमोहन सिंह की सरकार 6 से 14 को शिक्षा का मौलिक अधिकार (RTE)दिया। इसे 4 अगस्त 2009 को संसद से पास किया गया। यह संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत भारत में 6 से 14 साल के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा के महत्व को दर्शाता है। इस योजना के जरिए 6 से 14 साल के बच्चों को सरकार मुफ्त शिक्षा उपलब्ध कराती है।
सूचना का अधिकार
राइट टु इन्फॉर्मेशन (RTI) एक्ट देश की जनता को सरकारी अधिकारियों और संस्थानों से सूचना मांगने का हक देता है। इससे लोक प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिली। जवाबदेही को बढ़ावा मिला। यह एक्ट भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में भी कारगर साबित हुआ।
आधार योजना
मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पहचान के लिए आधार कार्ड बनाने की शुरुआत हुई। उन्होंने 2009 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का गठन किया गया था। आधार योजना की तारीफ संयुक्त राष्ट्र तक भी कर चुका है। आधार की मदद से सरकार को कई योजनाओं का आर्थिक लाभ सीधे जनता तक पहुंचाने में मदद मिली।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 देश के करीब 140 करोड़ लोगों में से लगभग दो तिहाई लोगों को सब्सिडी वाला खाद्यान्न उपलब्ध कराना है। इसका मकसद है कि देश का कोई नागरिक भूखा न रहे। इसमें सरकार गरीब जनता क सस्ती दर पर पर्याप्तो मात्रा में बेहतर खाद्यान्नक उपलब्ध कराती है, ताकि लोगों खाद्य एवं पोषण सुरक्षा मिले और वे सम्मा्न के साथ जिंदगी जी सकें।
अमेरिका से न्यूक्लियर डील
अमेरिका से न्यूक्लियर डील प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल की एक और बड़ी उपलब्धि है। खासकर, यह देखते हुए कि मनमोहन सिंह गठबंधन की सरकार चला रहे थे और इस समझौते से उनकी सरकार तक खतरे में आ गई थी। लेकिन, वह समझौते से पीछे नहीं हटे। उस डील के बाद भारत परमाणु हथियारों के मामले में एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में उभरा। इस सौदे ने अमेरिका के साथ संबंधों को नया मोड़ दिया।