फिर बढ़ने वाले हैं दूध के दाम, छह महीने में रिकॉर्ड स्तर पर
रायपुर/सूत्र : दूध की कीमतों में एक और तेजी आने की संभावना है. अमूल ने बीती फरवरी में दूध के दाम बढ़ाए हैं, जबकि इससे पहले मदर डेयर ने भी दाम बढ़ाए थे। दूध और दुग्ध उत्पादों की कीमतों में वृद्धि के लिए लागत में वृद्धि को जिम्मेदार ठहराया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले छह महीनों में दूध की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और पीक डिमांड सीजन में दूध की कमी के कारण कीमतों में वृद्धि जारी रहेगी।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 12 महीनों में सालाना आधार पर दूध और दुग्ध उत्पादों में औसतन 6.5 फीसदी की महंगाई दर दर्ज की गई है. वहीं, पिछले पांच महीनों पर नजर डालें तो दूध की कीमतों में महंगाई 8.1 फीसदी तक पहुंच गई है. वहीं, पिछले साल की तुलना में मासिक वृद्धि दर 0.8 फीसदी रही है।
पशु आहार के दाम में वृद्धि, उपज में कमी सहित कई कारण
दूध की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के कई कारण हैं। इनमें बढ़ती लागत, महामारी के कारण व्यवधान और अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे बड़ी वजह पशु आहार की कीमतों में तेज बढ़ोतरी को माना जा रहा है। चारे के दाम 2022 से दहाई अंकों की दर से बढ़ रहे हैं। मई 2022 से सालाना आधार पर कीमतों में बदलाव 20 फीसदी से नीचे नहीं आया है। वहीं, कोविड महामारी के बाद फसल उत्पादन और उपज में गिरावट आई है। जिससे पशुओं के लिए हरा व सूखा चारा महंगा हो गया है।
वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार, गर्मी के महीनों में दूध और दूध उत्पादों की कीमतों में वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है, क्योंकि दूध और घी की कमी है। वहीं तमिलनाडु में डेयरियों को दूध बेचने वाले किसानों ने दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया है. ऐसे में दूध की कीमतों में उछाल देखने को मिल सकता है।