देश में इन जगहों पर नहीं मिलेगी 5G सेवाएं, जानिए कहां फंसा पेंच

नई दिल्ली/सूत्र : देश में कई लोग इस वक्त 5जी सेवाओं का लुत्फ उठा रहे हैं। Reliance Jio और Airtel ने देश के कई शहरों में 5G सेवाएं शुरू कर दी हैं। रिलायंस जियो अपने ट्रू 5जी ऑफर में 1 जीबीपीएस इंटरनेट स्पीड का दावा कर रहा है। लेकिन कुछ जगहों पर फिलहाल 5जी सेवाएं नहीं आएंगी। ऐसी आशंकाएं हैं कि टेलीकॉम कंपनियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 5जी बैंड हवाई जहाजों में नेविगेशन उपकरण को प्रभावित कर सकते हैं। इसी के चलते नागरिक उड्डयन महानिदेशालय और नागर विमानन मंत्रालय ने हवाईअड्डों के आसपास के इलाकों में 5जी सेवाओं के लिए बेस स्टेशन नहीं बनाने को कहा है।

डीजीसीए ने टेलीकॉम कंपनियों को रनवे के दोनों छोर से 2.1 किलोमीटर के दायरे में कोई 5जी बेस स्टेशन नहीं लगाने को कहा है। इसके अलावा डीजीसीए ने टेलीकॉम कंपनियों को बफर जोन के 540 मीटर के दायरे में आने वाले सभी बेस स्टेशनों की पावर कम करने को कहा है।

DGCA और MoCA के निर्देश के पीछे मुख्य कारण रेडियो अल्टीमीटर और GPS है। रेडियो अल्टीमीटर ऊंचाई निर्धारित करने के लिए एक विमान के महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। ये दोनों उपकरण पायलटों को कम दृश्यता की स्थिति में नेविगेट करने में मदद करते हैं। ये दोनों डिवाइस भारत में 5G बैंड को ऑपरेट करने वाली टेलीकॉम कंपनियों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी से प्रभावित हो सकते हैं।

दूसरी ओर, टेलीकॉम कंपनियों का तर्क है कि भारतीय टेलीकॉम कंपनियां जिस बैंडविड्थ में काम करती हैं, वह उस बैंड से कम है, जो उपरोक्त उपकरणों द्वारा भारत और दुनिया भर के अधिकांश देशों में चल रहे हवाई जहाजों में इस्तेमाल किया जा रहा है।

रेडियो फ़्रीक्वेंसी के प्रति सबसे संवेदनशील अल्टीमीटर आमतौर पर 4.2GHz बैंड के आसपास काम करते हैं, जो 5G के लिए भारतीय टेलीकॉम द्वारा इस्तेमाल की जा रही 3.3-3.6GHz रेंज से अधिक है। इसके अलावा, भारतीय दूरसंचार कंपनियों ने डीजीसीए से यह जांच करने का अनुरोध किया है कि हस्तक्षेप के कोई संकेत हैं या नहीं। टेलीकॉम कंपनी के इस अनुरोध को DGCA ने ठुकरा दिया है।

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KR. MAHI

CHIEF EDITOR KAROBAR SANDESH

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