नया आयकर विधेयक 2025 संसद में जल्द होगा पेश, टैक्सपेयर्स को मिल सकती हैं कई रियायतें

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 11 अगस्त को आयकर विधेयक 2025 (Income Tax Bill 2025) संसद में पेश कर सकती हैं। यह नया विधेयक आयकर अधिनियम 1961 का स्थान लेगा, जो बीते छह दशकों से लागू है।

फरवरी में पेश हुआ था प्रारंभिक मसौदा

विधेयक का प्रारंभिक मसौदा 13 फरवरी 2025 को संसद में पेश किया गया था, जिसे आगे विचार के लिए प्रवर समिति (Standing Committee) को भेजा गया। समिति ने अपनी रिपोर्ट 21 जुलाई को पेश की, जिसमें करदाताओं के हित में कई अहम सुझाव दिए गए हैं।

प्रमुख बदलाव और सुझाव जो टैक्सपेयर्स को राहत दे सकते हैं

  • TDS Refund का दावा: ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि के बाद भी बिना पेनल्टी TDS रिफंड का दावा करने की अनुमति दी जाए।
  • गैर-आवश्यक ITR फाइलिंग: जिन व्यक्तियों को ITR दाखिल करने की जरूरत नहीं होती, उन्हें TDS रिफंड पाने के लिए रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य न हो।
  • गुमनाम दान को छूट: धार्मिक और परमार्थ न्यासों को मिले गुमनाम दान पर टैक्स न लगे, ऐसा सुझाव।
  • कर वर्ष’ की अवधारणा: अब ‘पिछले वर्ष’ और ‘मूल्यांकन वर्ष’ जैसे जटिल शब्दों की जगह केवल ‘कर वर्ष’ (Tax Year) का प्रयोग।
  • कंपनी सचिव शामिल नहीं होंगे: ‘लेखाकार’ की परिभाषा में कंपनी सचिव को शामिल न करने की सिफारिश।

नहीं बदलेंगी टैक्स दरें, उद्देश्य है सरलीकरण

आयकर विभाग ने स्पष्ट किया है कि विधेयक में कर दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य है—भाषा को सरल बनाना, पुराने और अप्रासंगिक प्रावधानों को हटाना, और करदाताओं के लिए प्रक्रिया को आसान बनाना।

आपके लिए क्यों जरूरी है यह बदलाव?

अगर आप एक वेतनभोगी, व्यवसायी, या निवेशक हैं, तो यह नया विधेयक टैक्स फाइलिंग को आसान बना सकता है, और आपके रिफंड प्राप्त करने की प्रक्रिया को तेज व सरल बना सकता है। इसके साथ ही नियमों की समझ आम नागरिक के लिए भी आसान होगी।

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